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'ख़ामोशी '
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाये मन भींगे आज इस मौसम में........ निशा गार्डन में झूले पे बैठी आस पास से बेखबर अपने धुन में मस्त गुनगुना रही थी | "मेरी बेटी की आवाज़ तो बहुत अच्छी है " पापा को देख निशा झेप गयी |" आप कब आये पापा?" निशा ने पूछा तो मम्मी बोली "आधा घंटा हो गया पापा को आये हुए आप तो ख़्वाबों की दुनियां में रहती है, ये नहीं की शाम की चाय ही बना ले "| "अरे गुस्सा काहे को होती है माते अपुन चाय बना देगा ना "निशा ने बोला तो मम्मी और पापा दोनों हंस दिए |" बिलकुल पागल है कभी सीरियस नहीं होती हमेशा मज़ाक के मूड में रहती है" मम्मी ने कहा,तो पापा बोल"े मेरी बेटी का चुलबुलापन उसके ससुराल वालों को बहुत पसंद आएगा सबको हंसाती रहेगी, "| निशा का हंसमुख नेचर सबको बहुत पसंद आता था, वो खूब बातें बनाती थ |ी सब उसकी बहुत तारीफ करते थे | उसकी शादी एक बिजनेसमैन फैमिली में हुई थी, राहुल उसका हस्बैंड MBA के बाद उसने भी अपना फैमिली बिजनेस संभाल लिया था | राहुल थोड़ा सीरियस टाइप का लड़का था, हंसी मज़ाक बहुत कम पसंद आती थी, उसकी पूरी फैमिली में सब गंभीर स्वभाव के थे | वह अपनी किसी दोस्त से बात कर रही थी आदतन हंस भी रही थी | "तमीज अपने घर पर छोड़ के आयी हो क्या?" कैसे गवार की तरह हंस कर बातें कर रही हो? |" पर मै तो अपने कमरे में बात कर रही हूँ निशा ने कहा "|" मुझे नहीं पसंद नॉन सीरियस लोग राहुल ने मुँह बना के कहा "| राहुल ने एक बार भी नहीं सोचा की फ़ोन अभी कटा नहीं है |
अपने शादी के दूसरे दिन ही वह अपने पति से अपमानित हो चुकी थी |" प्रिया ये बात मम्मी, पापा को मत बतान कह के उसने फ़ोन रख दिया ा उस दिन के बाद से निशा ने एक चुप्पी साध ली थी | काम बस बोलती बस ख़ामोशी से अपना काम करती | समय बीतता गया उनके बच्चे बड़े हो गए थे | निशा राहुल के हिसाब से ढल गयी थी, कम बोलना, मज़ाक मस्ती ना करना | पति पत्नी का रिस्ता निभाते रहे,लेकिन एक दूसरे से कभी अपनी दिल की बात नहीं कहते थे |राहुल को बिज़नेस में बड़ा लॉस हुआ था | वह डिप्रेशन में चला गया | राहुल के भाई ने psychologist से अपॉइंटमेंट लिया था | निशा अपने देवर के साथ राहुल को डॉक्टर के पास ले गयी |डॉक्टर ने राहुल के साथ निशा को भी बुलाया | "आप इनको जितना खुश रखोगे इनकी उतनी ही जल्दी रिकवरी होगी| आपके आपसी रिलेशन तो सही है ना??" इनको हैप्पी एनवायरनमेंट की जरूरत है | जिम्मेदारियां तो लाइफ टाइम चलेंगी , इसके साथ आपसी रिश्ते को भी समय देना जरूरी है | वकेशन प्लान करें,खुल के एन्जॉय करें और एक बात हमेशा खुश रहे "|डॉक्टर ने कहा तो राहुल की नज़रे झुक गयी, निशा बिलकुल चुप थी | इसकी ख़ामोशी का जिम्मेदार मै हूँ, कितनी चुलबुली थी ये, हमेशा खुश रहने वाली लड़की को मैंने ऐसा बना दिया की ये हंसना भूल गयी! उनके बीच का फासला इतना बढ़ गया था कि उसे कम करना बहुत मुश्किल था