...

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स्वतंत्र कैसे हों?
एक बार किसी ने सूफी फकीर अल-हिल्लाज मंसूर से पूछा,

"आज़ाद कैसे हुआ जाए? आप सब आज़ादी, आज़ादी की बात करते रहते हैं - लेकिन आज़ाद कैसे हुआ जाए?"

उन्होंने कहा, "यह बहुत सरल है, बस देखो।" वे ऐसे स्तंभों वाली मस्जिद में बैठे थे।

अल-हिल्लाज एक खंभे के पास गया, दोनों हाथों से खंभे को पकड़ लिया और चिल्लाने लगा, "मेरी मदद करो! मैं इस खंभे से कैसे आज़ाद हो सकता हूँ?"

उस आदमी ने कहा, "पागल मत हो, तुम खुद ही खंभे से चिपके हो; कोई कुछ नहीं कर रहा, न खंभा कुछ कर रहा। तुम क्या...