मैं और मेरा टीपूँ ….
यह गाँव की कहानी है….
मेरे गाँव की कुछ ही दूरी एक पहाड़ी है जो कि बहुत ही यात्रियों के लिए मशहूर है इसलिए वहाँ पर बहुत से यात्री आते हैं
मेरे पापा की उस पहाड़ी पर इक छोटी सी दुकान है जो हमारे पूर्वजों से हम काम करते है।वहाँ पर इक आर्मी बेस भी है यहाँ फ़ौजी जवान भी तैनात रहते हैं
और...
मेरे गाँव की कुछ ही दूरी एक पहाड़ी है जो कि बहुत ही यात्रियों के लिए मशहूर है इसलिए वहाँ पर बहुत से यात्री आते हैं
मेरे पापा की उस पहाड़ी पर इक छोटी सी दुकान है जो हमारे पूर्वजों से हम काम करते है।वहाँ पर इक आर्मी बेस भी है यहाँ फ़ौजी जवान भी तैनात रहते हैं
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