तुलसी रहीम
श्री राम भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी जब श्रीरामचरित मानस लिख रहे थे तब एक विपन्न वृद्धा उनके पास आई और उनसे अपनी दो युवा पुत्रियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता की याचना की। गोस्वामी जी ने कहा मैं तो त्यागी हूं,मेरे पास धन नही है। उसको दोहे की एक पंक्ति का पत्र लिख कर दिया और कहा कि तुम इसे जाकर दिल्ली में मेरे मित्र अब्दुल रहीम खानखाना को...