...

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थाम लिया तुमने हाथ 🤝
बहुत कुछ लिखना चाह रहे थे इस महीने के शुरूआती दौर से ही,
पर मन के किसी कोने में तुम्हारा क़िस्सा याद आ रहा था और फ़िर मेरे हाथ लड़खड़ाते हुए से रूक जा रहे थे, यूं तो इस तस्वीर को जिस रात ( 15oct2021) से देखा था,, पैरों तले जमीन खिसकने को महसूस किया हमने जैसे ज़िंदगी से सब कुछ छीन गया हो जैसे किसी की मौत हुई हो मेरे भीतर.. ऐसी मौत जिसका जनाजा भी अकेले उठाया है जिसमें रोने के लिए कंधा भी ख़ुद का रहा है.. उस दिन के बाद से मेरी ज़िंदगी की हर रात काली हो गई,,, तुमने महज़ किसी का हाथ ही नहीं थामा तुमने ज़िंदगी भर के लिए मेरा हाथ छोड़ दिया था वो भी बिन कुछ बताएं हमें...
किस तरह तुमने ऐसा कर लिया आज़ भी हैरान हो जाते हैं हम सोचकर किसी को ज़िंदगी भर के लिए रोता छोड़कर तुमने आंसू पोंछने तक की ज़रूरत नहीं समझी तुमने तो आखिरी बार मिलने तक की चाह नहीं रखी.. कितना कहा तुमसे फ़िर भी तुम नहीं मिले..
कोई भी रिश्ता टूटते वक्त वज़ह मांगता है...
तुमने तो तोड़ते वक्त वज़ह तक नहीं बताई..., हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं, कोई वाद -विवाद नहीं,कोई शब्दों की लड़ाई नहीं ,
और फ़िर भी तुमने ज़िंदगी भर का ऐसा रिश्ता बना दिया जहां तुमने हमसे सारे हक़ छीन लिए, तुम्हें देखने भर के ही नहीं तुम्हें सुनने तक के.... उम्मीद करते हैं तुम्हारी शादी होने से कुछ दिन पहले मेरे भेजे हुए आख़िरी संदेश तुमने बिना डीलिट करे पढ़ें ही नहीं समझे भी होंगे,
तुम पर अंधा विश्वास करते थे हम लेकिन जिस दिन हमें ये पता लगा था कि जिससे तुमने प्यार किया उसके साथ तुम शादी भी करना चाहते थे तो हमसे पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक ये क्यों कहा हमारी शादी नहीं हो सकती....
ऐसे बहुत से सवालों के जबाव हमें तुमसे मांगने थे पर तुम नहीं मिले और अधूरे सवालों के साथ हम अपनी बेचैन भरी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं, आज़ भी...
हमें मिलना था तुम्हारे गले लगकर एक बार फ़िर तुम्हें देखना था..
ये जो तुमने किया मेरे साथ इसके लिए ज़िंदगी भर तुम्हें कभी माफ़ नहीं कर सकते हैं हम,,...
सच तो कहते हैं लोग प्यार अंधा होता है..
पर हम तो कहते हैं,
प्यार अंधा ही नहीं गूंगा, बहरा, लंगड़ा और चूतिया भी होता है ,.
आहिस्ता आहिस्ता गुज़र रही है मेरी ज़िंदगी,
तुमने जलाया कहां हमें तुमने तो सुलगता हुआ छोड़ दिया हमें न ठीक से जल सके हम और न पूरी तरह सुलग सके..
तुमने सारे हक़ वेशक हमसे छीन लिए एक हक़ है जो आज़ भी बाकी है तुम्हें चाहते रहने का हक़.. ताउम्र...
तुमने सेज सजाई अपने लिए फूलों की...
किसी के दिल में कांटे बिछाकर..


,😓😓😓😓कैसे इल्ज़ाम लगा दें तुम पर कि धोका दिया है तुमने..
तुम तो आखिरी तक अपने पहले दिन पर टिके रहे..😓😓😓

कैसे कह दूं कि मेरा इश्क़ ही एक तरफा था,, तुमने हमें छूकर ये इल्ज़ाम भी अपने सर ले लिए हैं..
कैसे कह दूं किसी को मेरा रिश्ता था तुमसे .. तुमने ये रिश्ता बताने लायक एक तरफा भी नहीं रखा...

मेरा इश्क़ अधूरा ही रह गया..
कैसे कहूं उसे मुक्कमल करने की कोशिशें भी तुमने कभी नहीं करी...
ये इश्क़ ही है जो सारे फसाद की जड़ है, इस इश्क़ के ग़म में तो नींद को गोलियों से भी रातों की नींद ली है...
ये इश्क़ ही सुकून है और जब ये छीना तो डिप्रेशन की दवाइयों का भी सहारा लिया है..

कौन रहेगा यहां ज़िंदगी भर किसी के साथ सब जानते हैं मरना तो अकेले ही है,
पर ज़िंदगी को जीने की ख्वाहिशें सिर्फ तुम्हारे साथ रही..

🖤आजीवन कारावास मिला तुम्हें जिसके साथ अपनी ज़िंदगी गुजारने का ...
मत भूलना कभी कि हमारे रिश्ते को फांसी मिली थी उस दिन..🖤

यादें कहां मिटती है कभी. .. दिल के किसी कोने में वो दफ़न होकर रह जाती हैं,
सुनो,,...
किताबों पर धूल जमने से उसके भीतर की कहानियां कभी नहीं बदलती,..

,💘तुम क्या जान सकोगे कितना चाहा है तुम्हें,
तुमने तो शायद कभी हमें देखा तक नहीं सही से हम जी रहे हैं आज़ भी तुम्हें मसान बनकर..💘

😓 तुम बड़ी आसानी से चल दिए.. अपनी ज़िंदगी में..
हम आज़ भी यादों की पोटली बांधकर चल रहें हैं😓

💌हमने तो हमराज़ बनाकर दफ़न किया तुम्हें इस दिल में अगर कभी खुला तो सब हैरान रह जाएंगे..💌
🖤यूं ऐसे कोई किसी को छोड़कर नहीं जाता, जैसे तुम हमें छोड़कर गए हो..🖤

💞सब सही कहते थे तुम्हारी शख्सियत की तारीफ़ में.. वेशकीमती हीरा हो तुम ,कीमत देकर खरीद लिया उसने तुम्हें... 💞

देखो न बिना किसी तकल्लुफ और दुआ के उसने तुम्हें पा लिया .. और हमारी इतनी नजदिकियों ने भी ही हमें हमेशा के लिए अलग कर दिया ..
💔एक तुम्हारे नाम को सुनकर भी मुस्कुराहट आती थी चेहरे पर ,
आज़ महसूस करके भी इन आंखों में अश्क़ नहीं रूकते..💔

💞बाज़ार से ख़रीदा जा सकता तो,
ख़ुद को भी गिरवी रख कर हम तुम्हें खरीद कर लाते..💞

यहां जो भी लिखा उसे दोबारा पढ़ने की हिम्मत नहीं है मेरी...
बस एक उम्मीद है इस जन्म में ही कभी भूले भटके ही तुम यहां आकर ये पढ़ लेना..
हर रोज़ तुम्हें ही लिखते हैं और तुम्हें ही ख़बर नहीं...


इतना बड़ा दिल नहीं मेरे पास कि हम तुम्हें तुम्हारी सगाई की बधाईयां दे सकें... 💔💔💔💔

story source:- ( Yourquote)
© Jeshu