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गौरी एक आत्मविश्वास
आज की कहानी एक आदर्श गृहणी की है
गौरी एक आत्मविश्वास

दोस्तों ये कहानी मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा गौरी की है


गौरी अपने व्यस्त दिनचर्या में थोड़ा सा भी समय अपने लिये नहीं निकाल पाती

माँ के गुजर जाने के बाद वो अकेली सी पड़ गयी

लेकिन एक नए आत्म विश्वास के साथ माँ को अपने दिल मे लिए आज गौरी इतनी बड़ी हो गयी कि ससुराल में सबकी माँ बन गयी है

हर काम मे अपना 100प्रतिशत देती है

गौरी का एक 2 साल का बेटा है जो बहुत सुंदर और शरारती है अद्विक छोटा है लेकिन है बहुत समझदार

गौरी पेशे से डॉक्टर है लेकिन घर की जिम्मेदारी और अद्विक का पढ़ाई शुरू होने तक हॉस्पिटल नहीं जाने का उसका निर्णय है ,जो सही भी है

परिवार के साथ साथ बच्चे को भी माँ का प्यार मिल जाता है

वैसे तो उसके जीवन मे सबकुछ सही है
लेकिन अंदर उसके बहुत से सपने दबे हुए हैं ,जो वो कभी जाहिर नहीं करती किसी से

अंदर ही अंदर ही टूट सी जाती है ,कभी माँ की तस्वीर के सामने रोती है

माँ से शिकायत करती है

लेकिन अपना दर्द जगजाहिर नहीं करती

उसकी शादी तो love marrige हुई थी
लेकिन कहते हैं न प्यार शादी के पहले तक ही टिकता है

इसका ये मतलब नहीं उनके बीच प्यार नहीं
है लेकिन mutual coordination नहीं है

इतनी शिक्षित होने के बाद भी उसे अपनी शिक्षा का जरा भी घमंड नहीं

helping nature की है kind heart होने की वजह से मतलबी दोस्त उसके उसका फायदा भी लेने की कोशिश करते हैं

जरूरत से ज्यादा इंसानियत दिखाना भी आज के वक़्त में सही नहीं है

मेरी मुलाकात अचानक एक दिन गौरी से हुई । मैंने उसे देखा दंग रह गया

मैंने पूछा गौरी से बचपन मे माँ से चिपकी रहने वाली लड़की आज भी बच्ची है या बड़ी हो गयी

गौरी ने कहा मुझसे की वक़्त और हालात सब कुछ बदल देते हैं

मैं मुस्कुराया और उससे बात करने लगा

थोड़ी देर बाद गौरी market से घर के लिए निकली और मैं अपने काम से बाहर चला गया ।

गौरी जानती है कि मैं उसको पढ़ सकता हूँ
उसके सारे दर्द और संघर्ष को महसूस कर सकता हूँ

एक दिन मैंने उसे कॉल किया

रिंग बजी

हेलो कौन बोल रहा है

मैंने कहा गौरी मैं हूं कुलदीप यार

वो आप हैं आपका name save नहीं कि थी ।

मैंने कहा कोई नई ,अब कर लेना

मैंने पूछा तुम खुश हो गौरी ,

गौरी मुस्कुराते हुए बोली मुझे क्या prblm होगी मैं खुश हूँ

मैंने कहा आईने से चेहरा छुपा रही हो
,क्या मैं नहीं पढ़ सकता तुम्हें

मैं सब जानता हूँ गौरी मैंने महसूस किया है

गौरी ने अपनी आपबीती मुझे विस्तार से बतायी और मैं सुन्न रह गया

जो लड़की कल तक माँ के बिना एक पल नहीं रहती थी

आज वो पूरी जिम्मेदारी उठा रही है परिवार की माँ के बिना

अपने सपनों को पढ़ाई की जो उसने डॉक्टरी की उसे परिवार को समर्पित कर दिया ।

और आज पति से ताना सुनकर भी मुँह से एक शब्द न बोले अपना कर्तव्य निभा रही है

गौरी ने कहा एक आप ही तो है जो मुझे आजतक समझते आये हैं

लेकिन जिनको समझना चाहिये वो तो पत्नी की मज़बूरियों की समझना ही नहीं चाहते

रो लेती हूँ बस माँ की तस्वीर के आगे
आपसे बात करके मन का बोझ हल्का कर लेती हूँ ।

और आप बताओ आप अपने बारे में

मैंने कहा मेरा संघर्ष तो कुछ भी नहीं है
जो तुमने किया अपने परिवार के लिए

अपने सपनो को दांव पे लगाकर आज तुमने एक नया कीर्तिमान लिख दिया

आज एक लड़की शादी के बाद अपने सपनो को जीना पसंद करती है

और गौरी तुमने अपने सपनों को सात फेरों के समय हवन कुंड से निकलते आग के लपटों डाल दिया

तुम जैसी पत्नी पाकर भी पति तुमको न समझ पाए तो ये उनका दुर्भाग्य है

गौरी तुम सच में आज के वक़्त में एक आईना हो जो मायके से ससुराल जाते ही उस परिवेश में एक सुखद ज्योति की तरह खुद जलकर उस घर को प्रकाशित कर दिया ।

गौरी ने कहा आप मेरी व्यस्त दिन चर्या और तकलीफों को छोड़िए

मेरा तो रोज का काम है

दर्द होता है काम के बोझ से तो भी आह करने का भी वक़्त नहीं है

रात न होती तो गौरी रात में भी आराम न कर पाती इतना काम रहता है घर का

मैं खुश हूँ यार माँ मेरे साथ है ,आप मुझे समझते हो और मेरा मनोबल बढ़ाते हो

तो मुझे कोई समस्या नहीं है


गौरी की इन बातों को सुनकर मेरी आँखें भर आयी ,दर्द भी आज गौरी की आंखों से खुशी की आंसू बनकर निकल रहा है

संघर्ष से उपजी माँ की नाज़ों से पली
कांटो के बीच में जख्म खाती
फूलों की कली

जीत ही देखी माँ के साये में
न कभी उसने संघर्ष के साये में हार देखा

घुटन में भी उसने विष के प्याले में
अमृत का धार देखा

सबको अपना कर खुद अकेली हो गयी
आज अकेलेपन से भी तेरा प्यार देखा

जहाँ दर्द तू वहां चली
खूबसूरत नजर आती दर्द से सहमी कली

संघर्ष से उपजी माँ की नाज़ों से पली
कांटो के बीच में जख्म खाती
फूलों की कली



आगे की कहानी अगले अंश में

दोस्तों मेरी छोटी सी कोशिश थी एक स्त्री के जीवन को अपने शब्दों में अंकित करने की ,,,,दोस्तो मेरे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा है ,,गौरी एक आत्मविश्वास है

एक सच्चा किस्सा है




© 𝓴𝓾𝓵𝓭𝓮𝓮𝓹 𝓡𝓪𝓽𝓱𝓸𝓻𝓮