अपनी सोच
कोई जगाने पर सो गया और कोई जागते ही सो गया।
तेरे खराब आदतों से मुक्कमल ही खो गया।
गुरुर इतना है कि दर किनार कर दिया तुने।
कोई खुद से तो कोई औरों से बर्बाद हो गया।
स्वयं रचना (अभिमन्यु)
तेरे खराब आदतों से मुक्कमल ही खो गया।
गुरुर इतना है कि दर किनार कर दिया तुने।
कोई खुद से तो कोई औरों से बर्बाद हो गया।
स्वयं रचना (अभिमन्यु)