मसला।
दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या भी उस वक़्त बड़ी नहीं रह जाती जब हम उस समस्या से जुड़े हर व्यक्ति को समझने का प्रयास करने लगते हैं कि किसने क्या ?और क्यों कहा? उसने ऐसा क्यों सोचा ?वजह क्या थी ?
इस तरह हम जब दूसरे के point of view को समझने और किसी भी समस्या को केवल अपनी नजरों से देखने के बजाय दूसरों की निगाहों से भी देखने लगते हैं,तो ऐसी बहुत सी कड़ी हमारे हाथ लगती है,जिसको सुलझा कर सारी समस्या को ही हल किया जा सकता है।
और जानते हैं वो कड़ियां बहुत हद तक खुद हमारे ही व्यक्तिव से जुड़ी हुई होती हैं।
© fayza kamal
इस तरह हम जब दूसरे के point of view को समझने और किसी भी समस्या को केवल अपनी नजरों से देखने के बजाय दूसरों की निगाहों से भी देखने लगते हैं,तो ऐसी बहुत सी कड़ी हमारे हाथ लगती है,जिसको सुलझा कर सारी समस्या को ही हल किया जा सकता है।
और जानते हैं वो कड़ियां बहुत हद तक खुद हमारे ही व्यक्तिव से जुड़ी हुई होती हैं।
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