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अनवरत यात्रा
आज कितना खुश हूं मैं पिछले कुछ दिनों से अपने घर से दूर था और बेहद कष्ट भरे वह दिन थे वह, पर अब सारे कष्ट दूर हो गए और मेरा तन और मन शांत है। जब मैं बाहर था तब भी मेरे परिजन और मित्रों का साथ मुझे सदा मिलता रहा और मैंने कभी भी अकेलापन महसूस नही किया ऐसा लगता था कि सब मेरे आसपास है।
सब का इंतज़ार समाप्त हुआ और जब मेरे घर लौटने की खबर जब सबको मिली तो बहुत से लोग मुझे लेने आये और जो नही आ सकते थे वे मेरे स्वागत में मेरे घर के बाहर फूल मालाओं को हाथ लिए मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे,घर लौटने का सफर बहुत ही रोमांचक रहा क्योंकि इस सफर में मेरे...