पढाई का खूँटा...
पढाई का खूंटा ......
मोदक नाम था उसका.. मां नै जनाया था, रात के कोई 10 बज रहे थे।खेलते खेलते जो हम रात को कोई 9.00बजे सो जाते थै उस दिन जग रहे थै.. मां और दादी लाली के पास बैठे उसके नव नवेले बछड़े को पोंछ रही थी.. हम भाई बहन प्यार और उत्साह से मोदक को देख रहे थे.. मां रात को वहीं बाडे में सो गयी.. रात में कुत्ते बाड कूद कर आ सकते थै मोदक अभी छोटा था सो उसकी सुरक्षा जरूरी थी,हम दादी के साथ घर आ गये ,पूरी रात सोचते रहे सुबह तक तो उछलने लगेगा.. कितना प्यारा है.. उस रात...
मोदक नाम था उसका.. मां नै जनाया था, रात के कोई 10 बज रहे थे।खेलते खेलते जो हम रात को कोई 9.00बजे सो जाते थै उस दिन जग रहे थै.. मां और दादी लाली के पास बैठे उसके नव नवेले बछड़े को पोंछ रही थी.. हम भाई बहन प्यार और उत्साह से मोदक को देख रहे थे.. मां रात को वहीं बाडे में सो गयी.. रात में कुत्ते बाड कूद कर आ सकते थै मोदक अभी छोटा था सो उसकी सुरक्षा जरूरी थी,हम दादी के साथ घर आ गये ,पूरी रात सोचते रहे सुबह तक तो उछलने लगेगा.. कितना प्यारा है.. उस रात...