मर्द की पीड़ा
बड़ी अजीब से होती है एक मर्द की पीड़ा
सेहता सब कुछ है रोता भी पर किसी से
कहता नही है वो अपनी पीड़ा बस अंदर ही
अंदर उसके दबाए हर सुबह एक चालावे की
पीछे छिपी मुस्कान से चल देता है ।
जनता है की...
सेहता सब कुछ है रोता भी पर किसी से
कहता नही है वो अपनी पीड़ा बस अंदर ही
अंदर उसके दबाए हर सुबह एक चालावे की
पीछे छिपी मुस्कान से चल देता है ।
जनता है की...