"रोटी"
यूं तो रोटियां कई प्रकार की होती है। रूमाली रोटी,नान, फुल्का मोटी रोटी, पतली रोटी... लेकिन यहां हम रोटियों के प्रकार नहीं बताने जा रहे।
हमारी आज की कहानी रोटी पर आधारित है जी हां वही रोटी जिसके लिए इन्सान तमाम जीवन कार्य, रोज़गार करता है। ये कहानी तीन अलग-अलग वर्गों पर आधारित है, इसलिए इस कहानी को तीन अध्यायों में बांटा गया है आईए शुरू करते हैं इसका पहला अध्याय:-
वीना एक १३ वर्षीय छोटी सी बच्ची है उसके गोंद में उसका २ वर्षीय भाई है जो भूख से अपनी दीदी को रोटी देने के लिए कह रहा है लेकिन वीना मूक सी एक टक अपनी झोपड़ी के छत को निहार रही है जो कि बारिश के पानी से टपक रही है और फिर सोच रहीं हैं पता नहीं कब ये बारिश थमेगी और वो बाहर जाकर कुछ मजदूरी कर अपने छोटे भाई के लिए रोटी का इंतजाम कर सकेंगी। पिता तो उसका रहा नहीं,दो वर्ष पहले ही बीमारी में इलाज न होने की...
हमारी आज की कहानी रोटी पर आधारित है जी हां वही रोटी जिसके लिए इन्सान तमाम जीवन कार्य, रोज़गार करता है। ये कहानी तीन अलग-अलग वर्गों पर आधारित है, इसलिए इस कहानी को तीन अध्यायों में बांटा गया है आईए शुरू करते हैं इसका पहला अध्याय:-
वीना एक १३ वर्षीय छोटी सी बच्ची है उसके गोंद में उसका २ वर्षीय भाई है जो भूख से अपनी दीदी को रोटी देने के लिए कह रहा है लेकिन वीना मूक सी एक टक अपनी झोपड़ी के छत को निहार रही है जो कि बारिश के पानी से टपक रही है और फिर सोच रहीं हैं पता नहीं कब ये बारिश थमेगी और वो बाहर जाकर कुछ मजदूरी कर अपने छोटे भाई के लिए रोटी का इंतजाम कर सकेंगी। पिता तो उसका रहा नहीं,दो वर्ष पहले ही बीमारी में इलाज न होने की...