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स्वतंत्रता है अकेले चलने की🥺
राधा एक ऐसी लड़की थी जो सिर्फ मुस्कुराती रहती थी छोटी-छोटी बातों पर हंसती रहती थी चेहरे पर एक अलग ही चमक था ,उसे घर के सब काम आते थे
घर में सबसे पसंदीदा लड़की वही थी ,आकर्षक शरीर चेहरे पर तेज और काम करने के बाद भी उसे देखकर लगता नहीं था कि इसके चेहरे पर थकान है ।
धीरे-धीरे राधा अब बड़ी हो रही थी बड़ी होने के साथ-साथ उसने 12वीं पास कर लिया था और अब उसका कॉलेज जाने का समय आ रहा था ,नए सपने आंखों में लिए वह कॉलेज जाती थी
कुछ सहेलियां जो कि उसी के साथ कॉलेज जाया करती थी सभी रास्ते भर मजाक मस्ती करते हुए जाते थी आकर्षक चेहरा होने के कारण उसे हर कोई पसंद कर लेता था और शायद यही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी क्योंकि एक दिन जब वह कॉलेज से आ रही थी तो उसे किसी लड़के ने प्रपोज कर दिया जब लड़के ने प्रपोज किया तो वह घबरा गई उसे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या बोलूं ,हिम्मत जुटाते हुए उसने ना कहा
पर शायद लड़के को यह बात रास नहीं आया "बहुत घमंड है ना तुझ में अभी बताता हूं ऐसा कहकर उसने चाकू निकाल दिया "
मासूम से दिल वाली राधा घबरा गई एक तरफ उसे घर वालों का डर सता रहा था दूसरी तरफ वह लड़का खुद को खत्म करने की धमकी उसे सुन रहा था किसी तरह हिम्मत करके उसने ना कह दिया और रोती रोती घर चली गई,
आजकल तेरा काम में मन नहीं लग रहा यह शब्द थे मां के क्या हुआ कुछ बात है ? कुछ बात है तो बता
ले
क्या बताती ज्यादा क्योंकि राधा को लगा कि यह सब सुनकर घरवाले उसकी पढ़ाई ना रोक ले उसे पढ़ाई में बहुत मन था इसलिए राधा ने कुछ नहीं बताया
इसी बात को 1 महीने बीत गई एक दिन वही लड़का दोबारा राधा के सामने आया उसे दिन राधा अकेली थी ना उसके दोस्त ना कोई आसपास था और यह उसे लड़के के लिए शायद अच्छा मौका था उसने फिर से कहा राधा अभी भी समय है मेरे प्यार को अपना ले ,लेकिन राधा ने मना कर तो उसने एक बोतल निकाल दी उसमें पेट्रोल था उसके चेहरे पर छिड़क दिया😑
आकर्षक सूरत वाली और मासूम दिलवाले राधा तड़प रही थी दर्द से एक जलन महसूस हो रही थी ।
जैसे तैसे करके उसने चुन्नी मुंह पर लपेटी और जैसे तैसे करके घर चली गई घर पहुंचते ही मां ने पूछा चेहरा "कयों छुपा रखा है" जब मां ने चेहरे से चुन्नी उठाई तो पाया कि उसका चेहरा आधा चल चुका था जलन के मारे राधा तड़प रही थी उसकी मां ने फटाफट उसके पापा के पास ले गई" देखो ना क्या हुआ मेरी सुंदर दिखने वाली राधा का चेहरा बिगड़ गया " .
उसके पिताजी जल्दी से घर आए और उसे अस्पताल ले गए उसका आधा चेहरा पूरी तरह झुलस गया था
जो गांव की सबसे सुंदर लड़की थी अब वह गांव की सबसे बदसूरत लड़की में कब बदल गई पता नहीं चला कुछ गांव में उसके पिताजी के दुश्मन थे जो उसे बात को मजाक बनाने लगे रहा होगा "किसी लड़के के साथ चक्कर इसी ने किया होगा कुछ कोई ऐसे थोड़ी ना करता है "ऐसे कई सारे ताने राधा को मिले
घरवालों में प्यारी राधा अब मानो एक बोझ सा बन गई थी मां उससे बात-बात पर कोसती और उसकी बहन ने उसका मजाक उड़ाती "तुमसे शादी कौन करेगा तुम्हारे लिए दहेज बहुत लगेगा "ऐसे कुछ ताने उसके पडोसी
सुना रहे थे ,उसकी स्थिति किसी ने नहीं समझी अकेले राधा क्या-क्या करती।
रोज-रोज उसे ऐसे कई वचन मारे जाते जो
शायद उस दिन के जलन से भी ज्यादा उसे तड़पा रहे थे रोज ही ऐसा चलने के कारण वह इतना ज्यादा नकारात्मक हो गई थी कि उसे कुछ नहीं सूझा
चली गई दौड़कर बिना किसी को बताएं और नदी मे जाकर कूद गई नदी में कूदने की वजह से उसकी लाश किसी को नहीं मिली और इस तरह से उसे मासूम दिलवाली लड़की ने आत्महत्या कर दी😔

"जाने ऐसी कई राधा इस दुनिया में है जो रोज इसी तरह से मारी जाती है, घर वाले सपोर्ट नहीं करते बाहर वाले ताने मारते हैं घर से बाहर अगर पढ़ने के लिए जाए तो रोज नहीं लोग उनके शरीर को देखते रहते हैं
हां कहो तो इस शरीर को नोच डालते हैं और ना कहो तो उसे जीने लायक छोड़ते नहीं है
फिर सब लोग कहते हैं की लड़कियों को पूरा अधिकार दिया जाता है पढ़ने का आगे बढ़ने क्या उन्हें स्वतंत्र रहकर चलने का अधिकार है?
क्या यह सच में होता है।।