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स्वतंत्रता है अकेले चलने की🥺
राधा एक ऐसी लड़की थी जो सिर्फ मुस्कुराती रहती थी छोटी-छोटी बातों पर हंसती रहती थी चेहरे पर एक अलग ही चमक था ,उसे घर के सब काम आते थे
घर में सबसे पसंदीदा लड़की वही थी ,आकर्षक शरीर चेहरे पर तेज और काम करने के बाद भी उसे देखकर लगता नहीं था कि इसके चेहरे पर थकान है ।
धीरे-धीरे राधा अब बड़ी हो रही थी बड़ी होने के साथ-साथ उसने 12वीं पास कर लिया था और अब उसका कॉलेज जाने का समय आ रहा था ,नए सपने आंखों में लिए वह कॉलेज जाती थी
कुछ सहेलियां जो कि उसी के साथ कॉलेज जाया करती थी सभी रास्ते भर मजाक मस्ती करते हुए जाते थी आकर्षक चेहरा होने के कारण उसे हर कोई पसंद कर लेता था और शायद यही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी क्योंकि एक दिन जब वह कॉलेज से आ रही थी तो उसे किसी लड़के ने प्रपोज कर दिया जब लड़के ने प्रपोज किया तो वह घबरा गई उसे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या बोलूं ,हिम्मत जुटाते हुए उसने ना कहा
पर शायद लड़के को यह बात रास नहीं आया "बहुत घमंड है ना तुझ...