सम्मान
✏️✏️सम्मान✏️✏️
दीपक और रवि के मित्रता की चर्चा पूरे शहर में थी।दोंनो विद्यालय में साथ-साथ पढ़ते थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते थे।दीपक के पिता श्री पुष्कर चौबे जी उस जिले के कलेक्टर थे।वहीं रवि के पिता गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे।रवि के मन मे दीपक के पिता के प्रति बहुत सम्मान था।परंतु बालमन यदाकदा दिग्भर्मित हो जाता था।उसे लगता था कि छोटे पद पर होने के कारण उसके पिता का वह रुतबा और सम्मान नही है जो दीपक के पिता का है।
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दीपक और रवि के मित्रता की चर्चा पूरे शहर में थी।दोंनो विद्यालय में साथ-साथ पढ़ते थे और एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कते थे।दीपक के पिता श्री पुष्कर चौबे जी उस जिले के कलेक्टर थे।वहीं रवि के पिता गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे।रवि के मन मे दीपक के पिता के प्रति बहुत सम्मान था।परंतु बालमन यदाकदा दिग्भर्मित हो जाता था।उसे लगता था कि छोटे पद पर होने के कारण उसके पिता का वह रुतबा और सम्मान नही है जो दीपक के पिता का है।
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