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तुम बहुत याद आए बापू…
तुम बहुत याद आए बापू….

तुम बहुत याद आए बापू …उस दिन जब में ट्रेन के सफ़र में था और मेरे सामने वाली सीट थोड़ी फटी हुई थी जिसके पास बैठा हर आदमी उस फटे हुए हिस्से को नज़रअंदाज़ करते हुए उसी पर धमक कर बैठ जाता था…उस दिन तुम बहुत याद आए बापू ।

उस दिन भी तुम बहुत याद आए बापू … जिस दिन ट्रेन के गेट के पास लटके हुए भिखारी को कुछ पुलिस वालों और टी.टी ने धक्का मार कर रेल से नीचे गिरा दिया था और वो बेबस लाचार सा उन्हें बस देखता रह गया था…उस दिन भी बहुत याद आए थे बापू ।

और उस दिन भी तुम बहुत याद आए थे...