BACHPAN KA VADA
CHAPTER 30
अमन के जाने के बाद शेखर अपने कमरे में जाकर बेड पर लेट जाता है। वह जैसे ही आंखें बंद करता है उसे मानवी का चेहरा
दिखता है । मानवी का चेहरा दिखते ही शेखर सोक्ट होकर उठकर बैठ जाता है और खुद से बोलता है यह मुझे क्या हो गया है।
मुझे मानवी का चेहरा क्यों दिखाई दे रहा है ।मैं निशा से प्यार करता हूं मानवी तो बस मेरी दोस्ती में ऐसे कैसे कर सकता हूं। मैं
निशा को कैसे धोखा दे सकता हूं मैं कैसे हमारे बचपन का वादा को तोड़ सकता हूं । निशा हि वह लड़की है जिसे मैं बचपन से
प्यार करता आ रहा हूं। मैं कैसे किसी और के बारे में सोच सकता हूं। फिर वह बाथरूम में जाकर अपना फेस धोता है तभी वह
अपने आप को शीशे में देखते हुए बोलता हैं मुझे निशा से बात करनी ही होगी। उसे मैं हमारे वादा को याद दिलाऊंगा , उसे में
याद दिलाऊंगा मैं वही लड़का हूं जो बचपन में साथ खेले थे ।तभी उसे अमन कि बात याद आती है जो उसने मानवी के बारे में
बोला था कि तुम भी मानवी को पसंद करते हो। शेखर मन में बोलता है मैं कल अमन को बता दूंगा मैं निशा को ही पसंद करता
हूं मानवी को नहीं। तभी उसे अमन का आवाज आता है कि नहीं तुम निशा से नहीं मानवी को को पसंद करते हो। तुम क्यों
अपने आप को झूठ दिलासा दे रहे हो तुम सिर्फ मानवी को पसंद करते हो। शेखर परेशान होकर अपने कानों को बंद करते
हुए बोलता हैं हां मैं मानवी को पसंद करता हूं लेकिन मैं इस फिलिंग्स हमेशा के लिए मिटा दुंगा ।मैं कल को सारी बातें याद
दिलाऊंगा जिससे सब कुछ ठीक हो जाएगा ।उधर निशा आंसू पोंछकर बोलती है अब हमारा रिलेसन...
अमन के जाने के बाद शेखर अपने कमरे में जाकर बेड पर लेट जाता है। वह जैसे ही आंखें बंद करता है उसे मानवी का चेहरा
दिखता है । मानवी का चेहरा दिखते ही शेखर सोक्ट होकर उठकर बैठ जाता है और खुद से बोलता है यह मुझे क्या हो गया है।
मुझे मानवी का चेहरा क्यों दिखाई दे रहा है ।मैं निशा से प्यार करता हूं मानवी तो बस मेरी दोस्ती में ऐसे कैसे कर सकता हूं। मैं
निशा को कैसे धोखा दे सकता हूं मैं कैसे हमारे बचपन का वादा को तोड़ सकता हूं । निशा हि वह लड़की है जिसे मैं बचपन से
प्यार करता आ रहा हूं। मैं कैसे किसी और के बारे में सोच सकता हूं। फिर वह बाथरूम में जाकर अपना फेस धोता है तभी वह
अपने आप को शीशे में देखते हुए बोलता हैं मुझे निशा से बात करनी ही होगी। उसे मैं हमारे वादा को याद दिलाऊंगा , उसे में
याद दिलाऊंगा मैं वही लड़का हूं जो बचपन में साथ खेले थे ।तभी उसे अमन कि बात याद आती है जो उसने मानवी के बारे में
बोला था कि तुम भी मानवी को पसंद करते हो। शेखर मन में बोलता है मैं कल अमन को बता दूंगा मैं निशा को ही पसंद करता
हूं मानवी को नहीं। तभी उसे अमन का आवाज आता है कि नहीं तुम निशा से नहीं मानवी को को पसंद करते हो। तुम क्यों
अपने आप को झूठ दिलासा दे रहे हो तुम सिर्फ मानवी को पसंद करते हो। शेखर परेशान होकर अपने कानों को बंद करते
हुए बोलता हैं हां मैं मानवी को पसंद करता हूं लेकिन मैं इस फिलिंग्स हमेशा के लिए मिटा दुंगा ।मैं कल को सारी बातें याद
दिलाऊंगा जिससे सब कुछ ठीक हो जाएगा ।उधर निशा आंसू पोंछकर बोलती है अब हमारा रिलेसन...