तीन छन्नियां
यह कहानी महान दार्शनिक सुकरात की है। एक दिन सुकरात के पास एक परिचित आया और बोला- मैंने आपके दोस्त के बारे में कुछ सुना है। सुकरात ने कहा- ठहरो ,मुझे कुछ बताने से पहले हम एक छोटा सा परिक्षण कर ले, जिसे मैं 'तिन छन्नियो का परिक्षण 'कहता हूँ। इसमें पहली छन्नी सत्य की छन्नी है। क्या आप दावे से कह सकते हैं कि...