"प्रेम"
आज महाविद्यालय के सभी साथी कर्मचारी सिनेमा देखने जा रहे हैं। अंजलि ने भी मुझसे बहुत बार कहा, आप भी चलना-बहुत मज़े करेंगे। मैं उन्हें कैसे बताती कि अंबर ने अनुमति नहीं दी। उन्हें पसंद नहीं कि मैं किसी और के साथ सिनेमा देखने जाऊं।
कुछ ही देर में सब सिनेमा हॉल के लिए निकलेंगे और मैं अपने घर के लिए। वैसे तो अम्बर लेने आ रहे हैं, मुझे। कॉलेज के गेट तक आ जाएंगे और मैं यहां से चली जाऊंगी।
आज बारिश भी बहुत तेज़ है। जाऊं या ना जाऊं? कहीं ऐसा ना हो कि मैं इंतजार में खड़ी रहूं और वो आए ही ना। मन में अजीब-अजीब ख्याल आ रहे हैं। ऐसा करती हूं, कॉल करके पूछ लेती हूं।
कहां हो? कितनी देर में निकलोगे? यहां पर बहुत तेज बारिश हो रही है, आप चाहो तो मत आओ, मैं खुद आ जाऊंगी।
नहीं! मैं आ रहा हूं ना, मैंने कहा ना, बस तुम जाना मत। अगर मुझे देर हो जाए तो कॉलेज में ही रुकी रहना। जब मैं आ जाऊंगा तो बता दूंगा। कितनी देर में निकलेंगे सब?
शायद 2 बजे। ठीक है! मैं भी पहुंच गया हूं बस स्टैंड। जैसे ही बस मिलती है,...