शहजादी हो गयी।
"शहर की हर इक गली में ये मुनादी हो गयी,
तख़्ते-दिल पे बैठकर वो शाहज़ादी हो गयी।
मैं अकेला रह गया औ' सब की शादी हो गयी,
मेरी महबूबा पुरानी ,माँ से दादी हो गयी।
ढो रहे हैं लाश अपनी,अपने ही...
तख़्ते-दिल पे बैठकर वो शाहज़ादी हो गयी।
मैं अकेला रह गया औ' सब की शादी हो गयी,
मेरी महबूबा पुरानी ,माँ से दादी हो गयी।
ढो रहे हैं लाश अपनी,अपने ही...