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आंधी

आज मेरे मन में भावनाओं से ओत-प्रोत आंधी आई हुई है जोदिमाग को झकझोरती हुई दिल में उफान मचा रही है।
और मैं कुछ नहीं कर पा रही हूं।बस चुप-चाप सी बैठ गई।या यूं कहें कि बहुत कुछ करना चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रही हूं। सुबह से शाम हो गई अपने को सम्हालते हुए आखिर सब्र का बांध टूट ही गया। और फूट-फूटकर रोई।
खबर मिली मेरे बड़े भाई को ब्रेन हेमरेज हुआ है। मैं जा नहीं सकती कोरोना की वजह से मुम्बई में रहने की वजह से,दो बच्चों को छोड़ कर मैं कैसे जाऊं । बहुत लोगों को लगा कि तुम कब आ रही हो? क्यों नहीं आई? बहुत दिल दुखा । कुछ लोगों ने समझा और कहा कि तुम अभी मत आओ रिस्क मत लो सबने अपनी-अपनी राय दें दी।
लेकिन मैं जिस आंधी से गुजर रही थी उसको समझना मुश्किल था। मैं दिल से तुरन्त सब छोड़ -छाड़ कर जाना चाह रही थी लेकिन सबको लेकर नहीं जा सकती थी। बच्चों को छोड़ कर जाती हूं तो पीछे से उन्हें कौन सम्हालेगा , लेकर जाती हूं तो रिस्क है।
और जहां जा रही हूं उसके परिवार को भी रिस्क में डालती हूं।
क्या करूं मेरे प्रिय भाई जो हमको बहुत प्यार करते हैं और मैं भी उनको
बहुत प्यार करती हूं मानती हूं , बचपन हमने साथ जिया है।हर समय चिढ़ाना
खेलना बातें करना सब याद आने लगा
तीन साल से हम मिले भी नहीं थे।
और फिर ये अचानक एसी खबर सुनकर दिल दहल गया ।एक दिन पहले ही तो मेरी उनसे बात हुई थी और अगले ही दिन ,,,, मैं सहन नहीं कर पा रही थी । मैं बस रोए जा रही थी। आज कल हम लोग रोज बातें करते थे। अविश्वसनीय था मेरे लिए।
एक महीने से ऊपर हो गया है मैं अभी तक उनसे मिलने नहीं गई हूं।
विडियो काल कर बात करती हूं ,देखकर मन दुखी हो जाता है ।फूड पाईप लगी है ,अभी बोल नहीं सकते है, लेफ़्ट साइड अभी ज्यादा काम नहीं कर रहा है लेकिन वह ठीक हो जाएंगे टाइम लगेगा।बस मन देखकर दुखी हो जाता है।
ईश्वर की कृपा से जान बच गई।

मैं अपने मन को कैसे शांत करु। कभी- कभी लगता है कि मैं एक अच्छी बहन नहीं हूं। किसी लायक नहीं हूं। किसी के काम नहीं आ सकती। निराशा होती है।
अगर कोरोना नहीं होता तोअब तक हम सभी वहां पहुंच गए होते।
कभी -कभी लगता है कि क्या डरना जो होगा देखा जायेगा फिर मन सोचने लगता है कि कहीं अपने साथ-साथ औरों को नुक्सान ना पहुंचा दूं।
कोरोना ने अपनों से दूर कर दिया है।हम चाह कर भी एक दूसरे को सहारा नहीं दे पा रहे हैं।
रोज बात कर हाल चाल लेती हूं पर ऐसा महसूस होता है कि औपचारिकता निभा रही हूं और कुछ नहीं।