मोहब्बत या भ्रम जाल(भाग२)
हेलो दोस्तों ।
अगर आपको यह कहानी समझनी है तो आपको मेरी आईडी पर जाकर इसका पहले भाग को पढ़ना होगा। तब आप इस कहानी को अच्छे से समझ सकेंगे । यह कहानी शुरू करते हैं
मुकेश लखनऊ तो वापस आ गया था पर एक बेचैनी सी थी। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि इन ८ सालों में उसके साथ क्या हो गया, हालांकि वह तो शुरु से ही एक पढ़ाकू किस्म का बच्चा था। घर के आस-पास ,घर में क्या हो रहा है इसकी उसे ना तो कभी कोई जानकारी थी और ना ही कोई रुचि ना उसने अपना कभी कोई दोस्त नहीं बनाया। घर पर मम्मी-पापा, छोटे भाई इंद्र और छोटी के साथ ही उसका सब टाइम निकल जाता था और जो बचता था उसमें वह पढ़ाई करता था, लेकिन जब उसने 12वीं के पेपर दिए तब उसकी बहन छोटी की दोस्त अनु ने उसे प्रपोज कर दिया । वह तो कई महीने तक हैरानी में रहा कि कोई लड़की आकर प्रपोज भी कर सकती है। वह उसे जहां देख लेता वहीं से बचकर निकल जाता है। एक साल बीत गया पर अनु का उसके प्रति दीवानगी कम नहीं हुई। इस दीवानगी से मुकेश को भी प्यार हो गया और फिर उनकी दीवानगी की हद तक बढ़ती चली गई। इधर अनु का बी.ए. कंप्लीट हुआ उधर मुकेश की नौकरी लग गई। मुकेश ने अपने पापा से अनु के बारे में सब बता दिया। उसके पापा कोई परंपरिक पापा की तरह नहीं थे।उन्होंने उसकी बात को समझा और उससे वादा किया वे अनु के पापा से शादी की बात करेंगे।इस बीच मुकेश अपनी एक महीने की ट्रेनिंग के लिए मसूरी चला गया और वापस आया तो उसे पता लगा कि अनु अपने घर से कहीं चली गई है । 6 महीने में तो उसके तनाव में ही निकल गए। उसने लगातार तीन साल अनु को ढूंढा पर उसे अनु कहीं नहीं मिली। इस बीच पापा मम्मी भी उसके सिर होते रहे की वह शादी कर ले क्योंकि अनु का कुछ पता नहीं।उसे तो ऐसा लगता था कि पापा मम्मी और अन्नू के पापा की ही...
अगर आपको यह कहानी समझनी है तो आपको मेरी आईडी पर जाकर इसका पहले भाग को पढ़ना होगा। तब आप इस कहानी को अच्छे से समझ सकेंगे । यह कहानी शुरू करते हैं
मुकेश लखनऊ तो वापस आ गया था पर एक बेचैनी सी थी। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि इन ८ सालों में उसके साथ क्या हो गया, हालांकि वह तो शुरु से ही एक पढ़ाकू किस्म का बच्चा था। घर के आस-पास ,घर में क्या हो रहा है इसकी उसे ना तो कभी कोई जानकारी थी और ना ही कोई रुचि ना उसने अपना कभी कोई दोस्त नहीं बनाया। घर पर मम्मी-पापा, छोटे भाई इंद्र और छोटी के साथ ही उसका सब टाइम निकल जाता था और जो बचता था उसमें वह पढ़ाई करता था, लेकिन जब उसने 12वीं के पेपर दिए तब उसकी बहन छोटी की दोस्त अनु ने उसे प्रपोज कर दिया । वह तो कई महीने तक हैरानी में रहा कि कोई लड़की आकर प्रपोज भी कर सकती है। वह उसे जहां देख लेता वहीं से बचकर निकल जाता है। एक साल बीत गया पर अनु का उसके प्रति दीवानगी कम नहीं हुई। इस दीवानगी से मुकेश को भी प्यार हो गया और फिर उनकी दीवानगी की हद तक बढ़ती चली गई। इधर अनु का बी.ए. कंप्लीट हुआ उधर मुकेश की नौकरी लग गई। मुकेश ने अपने पापा से अनु के बारे में सब बता दिया। उसके पापा कोई परंपरिक पापा की तरह नहीं थे।उन्होंने उसकी बात को समझा और उससे वादा किया वे अनु के पापा से शादी की बात करेंगे।इस बीच मुकेश अपनी एक महीने की ट्रेनिंग के लिए मसूरी चला गया और वापस आया तो उसे पता लगा कि अनु अपने घर से कहीं चली गई है । 6 महीने में तो उसके तनाव में ही निकल गए। उसने लगातार तीन साल अनु को ढूंढा पर उसे अनु कहीं नहीं मिली। इस बीच पापा मम्मी भी उसके सिर होते रहे की वह शादी कर ले क्योंकि अनु का कुछ पता नहीं।उसे तो ऐसा लगता था कि पापा मम्मी और अन्नू के पापा की ही...