रिश्तों की बुनियाद
उगते सूरज को नमस्कार कर नीचे देखा तो क्या था
भूमि रोज की तरह अपनी दिनचर्या का महत्वपूर्ण समय योग और ध्यान से अपनी शारीरिक सरंचना को स्वस्थ बनाती थी
भूमि एक डॉक्टर है औऱ हाउस वाइफ भी
अपनी व्यस्त दिनचर्या से एक दिन भी नाराज नही होती थी
जो कि किसी संघर्ष से कम नही था
एक मुस्कान हमेशा उसके चेहरे पे होती थी
वो कुछ कहना तो चाहती थी पर किस से और क्या कहे ?
भागदौड़ दुनिया की आपा धापी से थकी हुई हॉस्पिटल से आते ही मन मे अपनी इच्छाओं को दबाकर सो जाती थी
एक दिन उसकी मुलाक़ात एक अजनबी शख्स से होती है
और दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन जाते हैं
भूमि शादी-शुदा थी और गोलू शादी से ही नफरत करता था
दोनों के रास्ते अलग थे पर विचारधारा बिल्कुल एक जैसी थी
भूमि अपनी माँ को याद करके रोती थी
गोलू उसे मां की तरह समझाता था
वो मां की जगह तो नही ले सकता था क्योंकि मां का स्थान तो भगवान भी नहीं ले सके
लेकिन एक निस्वार्थ भावना से मां की तरह भूमि को खुश रखने की पूरी कोशिश करता था
दिनचर्या दोनों की एक जैसी हो गयी
जैसे कि आप देख रहे हैं भूमि एक डॉक्टर है और उनकी दिनचर्या
काफी स्वस्थ और योग ध्यान के साथ शुरू होती थी
गोलू भी भूमि की दिनचर्या का अनुसरण करने लगा
और कुछ ही दिनों में उसे अपनी स्वस्थ लाभ की अनभूति होने लगी
वो खुश रहने लगा और ये संभव हुआ भूमि के प्रयासों से
गोलू को लिखने का बहुत शौक था
सही मायने में वो अपनी अनुभूति को कविता और कहानी और लेख के माध्यम से चित्रित करता था
ये बाते भूमि को बहुत अच्छी लगती थी
भूमि को खुश देख कर गोलू रोज कुछ न कुछ उस पर कविता बना देता था
ये दोस्ती विचारधारा की है
जिसमे स्वार्थ के लिए जगह नहीं
विश्वास और भरोसा
इसके मूल सिद्धांत हैं
रिश्ते बहुत सी होती है दुनिया में
कोई बंध जाता है
तो किसी को बलपूर्वक बांध दिया जाता है
परिणाम भी वही आता है
जिस रिश्ते में मिठास न हो जिस रिश्ते का कोई आधार न हो
उसमे कितनी धार होती है
ये तो वक़्त ही बताता है
कहानी का उद्देश्य यही है
शादी तो हो जाती है मनपसंद ही क्यों न हो
लेकिन प्यार dove साबुन की तरह हो जाती है
चमक तब तक ही रहेगी आपके चेहरे में जब तक कि घिसे नहीं
एक दोस्त का होना जिंदगी में उतना ही महत्वपूर्ण है
जितना चाय में शक्कर का होना
दोस्ती जिंदगी के किसी भी मोड़ में हो सकती है
लेकिन दोस्त वो है जो हर मोड़ पे आपके साथ मुड़ जाए
भूमि और गोलू की दोस्ती
आज भी चल रही है मिठास के साथ
आगे आपको उनकी दोस्ती की और हिस्से के किस्से सुनने को मिलेंगे
रचना मेरी छोटी ही होती है
क्योंकि दो पल की जिंदगी में
चार पल का आनंद आप अनुभव नहीं कर सकते
चार पल की जिंदगी होती, तो आप दो पल का आनंद अवश्य अनुभव करते
© कुलदीप राठौर
भूमि रोज की तरह अपनी दिनचर्या का महत्वपूर्ण समय योग और ध्यान से अपनी शारीरिक सरंचना को स्वस्थ बनाती थी
भूमि एक डॉक्टर है औऱ हाउस वाइफ भी
अपनी व्यस्त दिनचर्या से एक दिन भी नाराज नही होती थी
जो कि किसी संघर्ष से कम नही था
एक मुस्कान हमेशा उसके चेहरे पे होती थी
वो कुछ कहना तो चाहती थी पर किस से और क्या कहे ?
भागदौड़ दुनिया की आपा धापी से थकी हुई हॉस्पिटल से आते ही मन मे अपनी इच्छाओं को दबाकर सो जाती थी
एक दिन उसकी मुलाक़ात एक अजनबी शख्स से होती है
और दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन जाते हैं
भूमि शादी-शुदा थी और गोलू शादी से ही नफरत करता था
दोनों के रास्ते अलग थे पर विचारधारा बिल्कुल एक जैसी थी
भूमि अपनी माँ को याद करके रोती थी
गोलू उसे मां की तरह समझाता था
वो मां की जगह तो नही ले सकता था क्योंकि मां का स्थान तो भगवान भी नहीं ले सके
लेकिन एक निस्वार्थ भावना से मां की तरह भूमि को खुश रखने की पूरी कोशिश करता था
दिनचर्या दोनों की एक जैसी हो गयी
जैसे कि आप देख रहे हैं भूमि एक डॉक्टर है और उनकी दिनचर्या
काफी स्वस्थ और योग ध्यान के साथ शुरू होती थी
गोलू भी भूमि की दिनचर्या का अनुसरण करने लगा
और कुछ ही दिनों में उसे अपनी स्वस्थ लाभ की अनभूति होने लगी
वो खुश रहने लगा और ये संभव हुआ भूमि के प्रयासों से
गोलू को लिखने का बहुत शौक था
सही मायने में वो अपनी अनुभूति को कविता और कहानी और लेख के माध्यम से चित्रित करता था
ये बाते भूमि को बहुत अच्छी लगती थी
भूमि को खुश देख कर गोलू रोज कुछ न कुछ उस पर कविता बना देता था
ये दोस्ती विचारधारा की है
जिसमे स्वार्थ के लिए जगह नहीं
विश्वास और भरोसा
इसके मूल सिद्धांत हैं
रिश्ते बहुत सी होती है दुनिया में
कोई बंध जाता है
तो किसी को बलपूर्वक बांध दिया जाता है
परिणाम भी वही आता है
जिस रिश्ते में मिठास न हो जिस रिश्ते का कोई आधार न हो
उसमे कितनी धार होती है
ये तो वक़्त ही बताता है
कहानी का उद्देश्य यही है
शादी तो हो जाती है मनपसंद ही क्यों न हो
लेकिन प्यार dove साबुन की तरह हो जाती है
चमक तब तक ही रहेगी आपके चेहरे में जब तक कि घिसे नहीं
एक दोस्त का होना जिंदगी में उतना ही महत्वपूर्ण है
जितना चाय में शक्कर का होना
दोस्ती जिंदगी के किसी भी मोड़ में हो सकती है
लेकिन दोस्त वो है जो हर मोड़ पे आपके साथ मुड़ जाए
भूमि और गोलू की दोस्ती
आज भी चल रही है मिठास के साथ
आगे आपको उनकी दोस्ती की और हिस्से के किस्से सुनने को मिलेंगे
रचना मेरी छोटी ही होती है
क्योंकि दो पल की जिंदगी में
चार पल का आनंद आप अनुभव नहीं कर सकते
चार पल की जिंदगी होती, तो आप दो पल का आनंद अवश्य अनुभव करते
© कुलदीप राठौर
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