आवाज दिल की..
आज मुद्दतो बाद जब खिड़की खोल के बैठी तो
मुझे कोई अपना नजर नहीं आया |
जब अंदर देखा तो मेरे खुदा ने भी मुझसे मुह मोड़ के रखा था |
बात अगर मोहब्बत की करू तो उसने भी बड़े...
मुझे कोई अपना नजर नहीं आया |
जब अंदर देखा तो मेरे खुदा ने भी मुझसे मुह मोड़ के रखा था |
बात अगर मोहब्बत की करू तो उसने भी बड़े...