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बिगुल

विदेशी दोस्त रवि बहुत साल बाद अपने गाँव आया। उसी गाँव में अपने बचपन के दोस्त मयंक से मुलाकात हुई। अब वो दोनों दोस्त 55 साल के हो गए है। दोनों एक दूसरे का हालचाल पूछने लगे। रवि ने मयंक से बेटी रमा का हाल पूछा जिसकी शादी हो चुकी थी अभी कुछ ही महीने पहले की बात है। रवि की बेटी भी अब शादी के लायक हो चुकी थी। अभी वो पढ़ रही थी। जब रवि ने मयंक से पूछा रमा कैसी है?
मयंक की आँखे भर आई। वो उदास हो गए। जब रवि ने उदासी का कारण पूछा तब मयंक अपनी बेटी के बारे में बताने लगा। कैसे ससुराल में बेटी पर दहेज के लिए अत्याचार हो रहा है। रमा के पति रमा के हाथ पैर बाँधकर मुँह में कपड़ा ठूसकर उसे मारता है। रमा घरेलू हिंसा से खामोश हो गई है। दर्द सह रही है। और डरी हुई रहती है। किसीसे बात भी नहीं करती है। ये सुनकर विदेशी दोस्त रवि ने मयंक से कहा ये तो अनर्थ हो रहा है। रमा को बचाना होगा। चलो हम अभी जाकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते है। रवि मयंक को लेकर पुलिस चौकी गया और रमा के ससुराल वालों के खिलाफ़ पुलिस रिपोर्ट लिखकर उन पर केस कर दिया।

पुलिस वालों ने कारवाही की और उनको सजा देकर जेल में बंद कर दिया। इस तरह रमा के साथ बहुत बड़ा अनर्थ होने से बच गया।

रमा फिर अपने माँ- बाप के घर आकर रहने लगी। पापा ने उसे गले लगा दिया। जैसे उसे आज़ादी दे दी।

मयंक अपने दोस्त रवि से बोला तू सही बोल रहा था। बेटियों की शक्ति बढ़ाई जाए उन्हें साक्षार और आत्मनिर्भर बनाकर। ताकि अपने दम पर अपना जीवन जी सके। लोभी और लालची लोगों को सजा दे सकें।
मेरी बेटी भी आज़ादी का बिगुल बजाएगी....!
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Usha patel