...

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शाख से पत्तो का झड़ना
शाख से पत्ते झड़ते जा रहे है
अब जिस्मो से साये जा रहे है।
पेड़ से पत्ते टुटने का दर्द तुम क्या जानो ,
तुम को तो टुटे हुए पत्तो को इक्टठा करके जलाना होता है।
जो भी आया मुझसे कोई फल ले गया कोई पत्तीयाँ ,
फुल तो कोई टहनीया को काट कर ले गया ।
जब बारी आई मुझमे पानी डालकर फिर से हरा करने की तो
सबने मुझे अकेला छोड़ दिया गया।
जब सब चले जा चुके थे तब वो आई थी
मुझे लगा वो पानी ले कर आई है मुझे फिर से हरा करने के लिए
मगर उसके हाथ मे भी कुल्हाड़ी थी वो भी मुझे काटने के इरादे से आई हंै।
उसे देख फिर मैं उदास हो कर बैठ गया
तुमने तो कहना होता है साहब........ अब आप किसी काम के न रहे
तुमको तो बस आखिर में भी अपना मतलब निकलवाना था तो कह दिया
पेड़ सुख गया अब इसे जड़ से ही काट दो।
© Verma Sahab