भूतिया धोखा (भाग -2)
वह कुत्ता रोटी खाकर वहीं बैठ जाता है।तब उनमें से एक कहता है इसका मतलब ये हुआ कि यह भूत न अपने आप जाएगा और न भगाने से। यह कुंडली मारकर हमारे जीवन में बैठ गया है। वे निराश होकर वहां से चले जाते हैं। अगले दिन वे फिर से भूत भगाओ बाबा के पास जाते हैं और उसे कुत्ते वाला सारा घटनाक्रम बताते हैं। तब बाबा तॉंव में कहता है ऐसे कैसे भूत नहीं भागेगा। हमारे भक्तजनों ने ऐसे ही हमारा नाम भूत भगाओ बाबा नहीं...