...

3 views

wrong number (happy ending)
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो ऐसा ही कुछ हुआ था जीत ने वो नंबर डायल किया पर किसी ने कोई जवाब नही दिया उसने एक बार फिर से नंबर डायल किया फोन उठाते ही जवाब आया,अरे क्यों आप अब बार बार फोन कर रहे है एक बार कह दिया न की गलती से फोन लग गया तो अब क्यों आप फोन करे जा रहे है जीत चुप चाप उसकी आवाज को गौर से सुने जा रहा था उसकी आवाज़ उसको किसी की याद दिला रही थी । उस तरफ से फिर आवाज आई आप कुछ बोलेंगे या मैं फोन रखूं इतना कहते ही उसने फोन कट कर दिया और जीत अभी भी फोन कान पे लगाए खड़ा था कुछ टाइम गुज़रा शाम का वक्त था वो सोने चला गया बेड पर लेटे लेटे वो बहुत कुछ सोचता रहा और उसको नींद नही आ रही थी जीत को जागते जागते रात गुज़र चुकी थी वो बस सोच ही रहा था की कितना सब कुछ अजीब है वो कौन है ।
सुबह होते ही उसने फिर फोन डायल किया फोन रिसीव हुआ इधर से जीत कुछ बोल पाता इससे पहले उधर से आवाज आई अरे आपको कुछ समझ में नही आता है क्या एक बार कह दिया न गलती से फोन लग गया तो क्या अब बार बार फोन करके परेशान करते रहोगे क्या मैं बोल रही हो अब आपका फोन नही आना चाहिए इतना सब सुनने के बाद जीत ने बोला मैं कुछ बोलूं या आप ही बोलती रहोगी उसने कहा बोलो क्या बोलना है ?
जीत ने उसका नाम जानना चाहा उसके नाम का पूछा ही था की उसने कहा मैं आपको कुछ नही बताऊंगी न नाम कहा रहती हु कुछ नही बताऊंगी अब प्लीज आप फोन रखिए और आइंदा दुवारा कॉल मत करिए इतना कह कर उसने फिर एक बार फोन रख दिया जीत अपने मन ही मन बड़बड़ाने लगा की अजीब पागल है खुद बोलके खुद ही फोन रख देती है कमसे कम सामने वाला क्या बोल रहा है सुनना तो चाहिए न बड़बड़ाते हुए वो अपने ऑफिस चला गया,जीत उसकी आवाज का दीवाना हो चुका था उसका मन अब किसी काम में नही लग रह था ऑफिस घर आते ही जीत ने उसको अपने पर्सनल नंबर से मैसेज किया hi उधर से कोई जवाब नही आया कुछ टाइम बाद जीत ने फिर मैसेज किया
जीत - hii
उधर से जवाब आया - who are you

जीत - my name is jeet, what's your name
उधर से जवाब आया - my name is rupali

जीत - अच्छा नाम है आपका रूपाली
रूपाली - आप कौन है और मैसेज करने की वजह

जीत - आप कहा रहती हो
रूपाली - हिमाचल और आप कहा रहते हो

जीत - नोएडा
रूपाली - ok

जीत ने अभी उसको फोन वाली बात नही बताई थी वो बस रैंडम उससे बात कर रहा था

जीत - कुछ खास नहीं मेरे फोन में आपका नंबर था तो मैसेज करके देख लिया

रूपाली - ok मैं आपको नही जानती अब आप मुझे मैसेज मत करना

जीत - जानने के लिए तो बात करनी पड़ेगी और बात करने के लिए मैसेज तो करना पड़ेगा

रूपाली - मुझे आपसे बात नही करनी तो मैसेज की करने की जरूरत ही क्या है

जीत - अगर मुझे करनी हो तो

रूपाली - ये मेरी प्रॉब्लम नहीं है अच्छा होगा आप मुझे मैसेज न करे

जीत - इतना ही रूड रहती है आप या मुझसे ही करती है

रूपाली - मैं किसी से बात नही करती

उन दोनो के इस नोक झोंक को काफी टाइम गुजर गया था,
और अब दोनो अच्छे दोस्त बन चुके थे हर रोज उनकी बातें होती थी और बहुत ज्यादा होती थी अब वो दोनो एक दूसरे से कुछ नही छुपाते थे
उनकी बातों का सिलसिला बढ़ता रहा उनकी दोस्ती काफी मजबूत होती जा रही थी और शायद कही न कही जीत उससे प्यार भी करने लगा था प्यार के एहसास से रूपाली बिलकुल अनजान थी वो एक दोस्त की तरह उससे बात करती रही और जीत दोस्ती के रिश्ते को बहुत आगे तक ले जा चुका था वो उसको अपना सब कुछ मान चुका था
और रूपाली को इस बात की खबर तक नहीं,जीत एक ऐसे रिश्ते में बंध चुका था जिस इंसान को जीत ने कभी देखा था नही और न ही रूपाली ने उसको कभी देखा है उनकी बस बातें ही हुई है कभी फोन तो कभी मैसेज में इससे ज्यादा और कुछ नहीं
बात करते करते एक दिन जीत ने उससे यूंही पूछ लिया रूपाली क्या हम मिल सकते है रूपाली ने कहा, कहां मिलेंगे हम
जीत ने कहा नोएडा आ जाओ
रूपाली पागल हो गए हो आप मैं नोएडा आ जाऊ आपका दिमाग तो ठीक है मैं कभी हिमाचल के बाहर नही गई और आप मुझे नोएडा बुला रहे है
रूपाली ने हंसते हुए कहा वैसे भी आप मिल कर क्या करेंगे दिखने में अच्छी नही हु मैं नोएडा में तो एक से एक लड़की होगी
जीत ने कहा मुझे अगर चेहरा ही देखना होता तो या चेहरे से दोस्ती करनी होती तो बिना देखे बात ही क्यों करता मैं रूपाली अरे बाबा chill करो मैं तो बाद मजाक कर रही हु अब मजाक भी न करू
रूपाली ने कहा हम फिर कभी मिलेंगे वैसे भी अभी मुझे छुट्टी नहीं मिलेगी ऑफिस से तो मिलना तो सोच ही नही सकती ।
जीत ने कहा ठीक है जब आपके पास टाइम हो तो बता देना फिर हम लोग मिल लेंगे
दोनो की बातें वापस से जैसे होती थी वैसे ही होने लगी कुछ टाइम बीतने के बाद जीत ने कहा रूपाली मैं तुमसे बहुत टाइम से कुछ कहना चाहता हु रूपाली ने कहा हां बोलो जीत क्या हुआ सब ठीक तो है न जीत ने कहा हां सब कुछ ठीक है बस मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी रूपाली ने कहा तो इतना क्यों सोच रहे हो जो कहना है कह दो ना इतना क्या सोचना जीत ने कहा रूपाली वो मैं ये कह रहा था की समझ नहीं आ रहा कैसे कहूं जीत ने कहा रूपाली ने कहा ऐसा क्या बोलने वाले हो जो कह नहीं पा रहे हो कही दोस्ती तो खत्म नहीं करने वाले हो न ना मिलने की वजह से जीत ने कहा अरे नही ये क्या बोल रही हो आप तो रूपाली ने कहा बोलो फिर क्या बोलना चाहते हो
तो डरते डरते जीत ने कहां रूपाली मैं तुमसे प्यार करने लगा हु मुझे नही पता की ये सब कैसे कब और क्यों हो गया बस हो गया ये सुनते ही रूपाली एक दम शांत हो गई इधर से जीत हेलो हेलो बोले जा रहा था कोई जवाब नही मिला दूसरी तरफ से काफी देर बाद रूपाली ने कहा जीत ये क्या कह रहे हो तुम खुद भी पता है क्या तुम्हे जीत ने कहा रूपाली जो मेरे दिल में है मैं तुम्हे वही बता रहा हु
जीत ने उससे जवाब जानने की कोशिश की तो रूपाली ने कहा जीत मैने तुम्हे कभी उस तरह नही देखा पता नही मेरी कौनसी बात से तुम्हे प्यार हो गया
रूपाली ने उसको तुरंत न में जवाब दे दिया और फोन रख दिया ये सुनते ही जीत परेशान हो गया उसको समझ नही आ रहा था की अब क्या करे क्या न करे बस वो सोचता रहा की मैंने प्रपोज करके कही कोई गलती तो नही करदी या कोई जल्दबाजी तो नही करदी अब उसके मन में बहुत सारे सवाल थे जो उसको परेशान कर रहे थे और रूपाली को वो कॉल करे उसकी हिम्मत भी नहीं हो रही थी
उसने घबराते हुए रूपाली को कॉल किया रूपाली ने फोन उठाया रूपाली कुछ बोल पाती उससे पहले ही जीत ने सॉरी बोल दिया जीत ने कहा शायद मैने जो कहा मुझे नही कहना चाहिए था I'm really sorry rupali .
रूपाली ने उसे माफ करते हुए कहा कोई बात नही ऐसा हो जाता है don't be shy हम दोस्त तो है ही न इतना मत सोचो जो हुआ सो हुआ रूपाली ने कहा सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन कही न कही जीत का प्रपोज करना उसको सता रहा था और धीरे धीरे जीत ने रूपाली से दूरी बनाना शुरू कर दिया अब जीत ने रूपाली को कॉल मैसेज करना कम कर दिया अगर रूपाली उसे कॉल या मैसेज करती थी तो जीत कुछ न कुछ बहाना बना कर कॉल रख देता था अब ये सब बातें रूपाली को परेशान करने लगी थी की जीत क्यों उससे बात नही करता धीरे धीरे उन दोनो की बातें होना बिलकुल बंद हो गई है अब कोई किसी को कॉल मैसेज नही करता था रूपाली बहुत परेशान होती थी उसको कॉल करना चाहती थी लेकिन नही करती थी काफी टाइम बीत गया अब दोनो की बातें पूरी तरह से बंद हो गई ।
कही न कही रूपाली को उसके प्यार का एहसास हो रहा था रूपाली की दिन का चैन रात का सुकून सब उड़ चुका था वो बस जीत के बारे में सोचती रहती थी जीत से कही ज्यादा अब रूपाली को प्यार हो चुका था एक दिन बारिश बहुत तेज़ हो रही थी आसमान में बिजली कड़क रही थी जीत का फोन बजा जीत ने फोन उठाया जीत कुछ बोल पाता उससे पहले ही रूपाली ने रोते हुए जीत i love you so much मैं तुमसे बहुत बहुत प्यार करती हु प्लीज मुझे छोड़ कर मत जाना मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती जीत बस चुप चाप सुन रहा था रूपाली ने कहा जीत कुछ तो बोलो ऐसे ही चुप रहोगे क्या जीत की आंखें भी नम थी जीत ने अपनी आंख से आंसू पोछते हुए i love you too कहा दोनो ने एक दूसरे को चुप किया और बातें करते रहे बहुत टाइम बाद दोनो की बातें हुई तो इतनी हुई की फोन काटने का किसी को होश ही नहीं बस बातें करे जा रहे थे रात से सुबह होने को आ गई किसी को खबर नहीं उनकी बातें बस बढ़ती ही जा रही थी एक दिन फिर से उन दोनो का मिलने का प्लान बना दोनो की बातें हुई डिसाइड हुआ की जीत उससे मिलने हिमाचल आएगा जीत पहली बार हिमाचल जा रहा था रूपाली का भी मारे खुशी के ठिकाना नहीं था
जीत नोएडा से हिमाचल पहुंच गया था रूपाली की बताई जगह पर जीत पहुंच गया वहा पहले से खड़ी रूपाली उसका इंतजार कर रही थी दोनो पहली बार कई सालों में एक दूसरे को देखने वाले थे दोनो की बेचैनी बढ़ती जा रही थी जीत ने वहा पहुंचते ही रूपाली को कॉल किया रूपाली ने कॉल उठाया और कहा कहां हो तुम मैं तो इंतजार कर रही हु तुम्हारा जीत ने कहा तुम्हारी बताई जगह पर पहुंच गया हु रूपाली ने कहा मैं भी तो वही हु किधर हो तुम बात करते करते दोनो एक दूसरे से टकरा गए दोनो ने एक दूसरे को देखा हेलो हेलो फोन पे बोलते बोलते पहेचाना उनके इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी थी आज उनके मिलने की इच्छा पूरी हो गई थी दोनो बस बिना कुछ बोले एक दूसरे को देखते ही जा रहे थे किसी ने कहा अरे मैडम साइड में खड़े होके बात कीजिए ना तब दोनो का ध्यान हटा तो दोनो पहली बार एक कॉफी शॉप पे गए वहा कॉफी पीते पीते बातें करने लगे हिमाचल की हंसी वादियां साथ में रूपाली न जाने वक्त कहा निकल गया कुछ पता ही नही चला और जीत के वापस जाने का टाइम हो चुका था रूपाली उसको छोड़ने आई दोनो ने एक दूसरे को bye बोला और चल दिए जीत ने पीछे मुड़ते हुए रूपाली को आवाज दी रूपाली तुम बहुत खूबसूरत हो रूपाली सरमाते हुए वहा से चली गई जीत भी नोएडा आ गया था फिर वही फोन कॉल मैसेज पर बातें सिलसिला चलता रहा कुछ और टाइम बीत जाने के बाद दोनो ने एक दूसरे से शादी करने का सोचा दोनो की मर्जी भी थी दोनो ने अपने अपने घर बात की जीत ने तो अपने फैमिली मेंबर्स को समझा लिया था अब उसको इंतजार था रूपाली के घर वालो के हां का
रूपाली का कॉल आएं और उसने रोते हुए कहा im sorry jeet मुझे माफ करदो हमारी शादी नही हो सकती जीत ने कहा पहले तुम plz चुप हो जाओ बात क्या हुई वो बताओ रूपाली ने बताया कि उसके घर वाले नही मान रहे है इस शादी के लिए
के रहे है की हम जानते नही है लड़का कैसा है क्या करता है क्या नही करता है जीत ने कहा तुमने कुछ बताया नही की मैं क्या करता हु क्या नही रूपाली ने कहा सब कुछ बोला वो लोग कुछ मानने को तयार ही नही है दोनो बस शांत थे चुप थे कुछ बोलने की हालत में नही थे दोनो दोनो ने फोन रखा और सोचते रहे अब कैसे क्या होगा क्या करें रूपाली ने फिर से अपने घर वालो से बात की उन्हें समझाया लेकिन कोई कुछ सुनने को तयार ही नही
रूपाली के बहुत कहने समझने मनाने के बाद रूपाली के घर वाले मान गए और रूपाली और जीत की शादी की तारीख रख दी गई उनकी शादी हो गई दोनो अब खुशी खुशी नोएडा में रहने लगे
happy ending.
© अnil कुmar