रत्नावली
अच्छा सुनो
एक कथा सुनाती हूं मैं
तुलसीदास नाम तो सुना ही होगा
बड़ी रोचक हैं कान नहीं दिल लगा के सुनना
वैसे ज्ञान के तो बहुत धनी थे वे
मगर जब प्रेम होवत हैं तो सूद बुध खो जावत हैं
तुलसीदास जी ने युवावस्था में पग रखा
और उनका विवाह कर दिया गया
उनकी पत्नी का नाम रत्नावली था
उनकी पत्नी उनका बहुत ख्याल रखती जैसे एक मां बच्चे का रखती हैं
अच्छा भोजन पकाती खिलाती
उनके पांव दबाती
उनको पंखा करती
वो सुबह से शाम उनकी खूब सेवा करती
तुसलीदास जी भी उनसे बहुत प्रेम करने लगे
और इस से पहले ऐसा प्रेम उन्हें कभी मिला नही
वो अपनी पत्नी प्रेम में मोहित हो गए
एक पल को रत्नावली ना दिखे तो वो बौरा जाते
रत्नावली रत्नावली करके घर सर पर उठा लेते
तुलसीदास जी राम भक्त थे
परंतु अब तो मानो जैसे रत्नावली के भक्त हो गए हो
जग संसार सब भूल बिसर गए
अब तो तुम ही मेरी सब कुछ हो रत्नावली
उनका मुख राम से ज्यादा...
एक कथा सुनाती हूं मैं
तुलसीदास नाम तो सुना ही होगा
बड़ी रोचक हैं कान नहीं दिल लगा के सुनना
वैसे ज्ञान के तो बहुत धनी थे वे
मगर जब प्रेम होवत हैं तो सूद बुध खो जावत हैं
तुलसीदास जी ने युवावस्था में पग रखा
और उनका विवाह कर दिया गया
उनकी पत्नी का नाम रत्नावली था
उनकी पत्नी उनका बहुत ख्याल रखती जैसे एक मां बच्चे का रखती हैं
अच्छा भोजन पकाती खिलाती
उनके पांव दबाती
उनको पंखा करती
वो सुबह से शाम उनकी खूब सेवा करती
तुसलीदास जी भी उनसे बहुत प्रेम करने लगे
और इस से पहले ऐसा प्रेम उन्हें कभी मिला नही
वो अपनी पत्नी प्रेम में मोहित हो गए
एक पल को रत्नावली ना दिखे तो वो बौरा जाते
रत्नावली रत्नावली करके घर सर पर उठा लेते
तुलसीदास जी राम भक्त थे
परंतु अब तो मानो जैसे रत्नावली के भक्त हो गए हो
जग संसार सब भूल बिसर गए
अब तो तुम ही मेरी सब कुछ हो रत्नावली
उनका मुख राम से ज्यादा...