Chapter 5 माेहनलाल की एंट्री 🪷
📝📝 पत्र समाप्त हो गया..।। 🪷🪷
नागराज ने पत्र ✉️ लिखा और उसे छोटे बक्से 🗳 में रख दिया। नागराज ने सोचा कि वह दक्ष और देविका को एक साथ बैठा देंगे , किताब 📕और पत्र 📩उनके पास रखेगे ताकि जब मोहनलाल वापस आए तो वह पत्र देख ले और उसको पढ़ सके। सब कुछ सोचने के बाद नागराज देविका के पास गए। देविका अभी भी फर्श पर लेटी हुई थी। नागराज ने देविका को उठाया और कमरे में बिस्तर🛏 पर लिटा दिया। कुछ देर आराम करने के बाद देविका को होश आ गया। देविका ने आँखें खोलीं। आँखें खुलते ही देविका के माथे के बीच में बहुत तेज रोशनी दिखाई देने लगी। वह प्रकाश नागमणि का था। अब नागमणि देविका के शरीर में ही रहेगी. नागमणि अब देविका के शरीर पर अपनी शक्तियों का असर दिखा रही है ।। देविका की आंखें नीली हो गईं।।उनके माथे पर एक चमक दिख रही थी जो कुछ ही घंटों में अपने आप कम हो जाएगी.।। 😇
अचानक मोहनलाल वापस आ जाते है क्योंकि उसे जो काम मिला था वह काम कुछ दिनों के लिए delay हो गया था। मोहनलाल बीच रास्ते से वापस आता है। मोहनलाल अब अपने रास्ते पर है। वह देविका को लेने मंदिर जा रहा है। रास्ते में मोहनलाल अपनी पत्नी रानी के बारे में सोच रहे है। उनकी पत्नी बहुत प्यार करने वाली और देखभाल करने वाले स्वभाव की थी। वह मासूम थी और देविका में उसकी माँ की तरह ही विशेषताएं थीं। वह इतना सोचते ही रहता है कि अचानक आवाज आती है, उतरो श्रीमान,...