"रॉन्गनंबर"
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो... किसी ने ऐसे ही फ़ोन किया था और उसके फोन रिसीव करते ही रॉन्ग नंबर कहकर फोन रख दिया गया था।जीत ने देखा बाहर बारिश और भी तेज हो गई है।रह रहकर ठंडी हवा का झोंका भी अंदर आ रहा था। जीत ने अपनी आराम कुर्सी खींच ली और एक सिगरेट सुलगा लिया। सिगरेट की कश के दौरान वो अपनी पिछली जिन्दगी में खो गया। सुनीता को गुज़रे अभी ४ साल ही हुआ था। बेटी अनीता का पिछले वर्ष ही विवाह हो चुका था और बेटा भी अमेरिका में सेटल हो चुका था और उम्र के ५६ वे वर्ष में ही वो नितांत अकेला था।
सुनीता और उसके मध्य बहुत प्रेम था, दोनों एक दूसरे के बारे में बहुत सोचते थे।पति को क्या पसंद है क्या नहीं इस बात का सुनीता भी बेहद ख्याल रखती थी और पत्नी की पसंद नापसंद का भी जीत को हमेशा ख्याल रहा करता। आज सुनीता के जाने के...
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो... किसी ने ऐसे ही फ़ोन किया था और उसके फोन रिसीव करते ही रॉन्ग नंबर कहकर फोन रख दिया गया था।जीत ने देखा बाहर बारिश और भी तेज हो गई है।रह रहकर ठंडी हवा का झोंका भी अंदर आ रहा था। जीत ने अपनी आराम कुर्सी खींच ली और एक सिगरेट सुलगा लिया। सिगरेट की कश के दौरान वो अपनी पिछली जिन्दगी में खो गया। सुनीता को गुज़रे अभी ४ साल ही हुआ था। बेटी अनीता का पिछले वर्ष ही विवाह हो चुका था और बेटा भी अमेरिका में सेटल हो चुका था और उम्र के ५६ वे वर्ष में ही वो नितांत अकेला था।
सुनीता और उसके मध्य बहुत प्रेम था, दोनों एक दूसरे के बारे में बहुत सोचते थे।पति को क्या पसंद है क्या नहीं इस बात का सुनीता भी बेहद ख्याल रखती थी और पत्नी की पसंद नापसंद का भी जीत को हमेशा ख्याल रहा करता। आज सुनीता के जाने के...