दोस्त साथ हो तोह हर बड़ी मुस्किल छोटी लगती है ।
#Friends.
एक समय की बात है दो दोस्त थे , वे बचपन के मित्र थे उनकी दोस्ती बहत पक्की थी । उनका नाम गोविंद और धीरज था । वे दोनो रामपुर नमक एक जगह पर रेह्ते थे । उन दोनो को घुम्ना बहुत पसंद था । वे दोनो उनके कुछ और मित्रों के साथ कही ना कही घुम्ने जते ही थे । उनके ग्रुप मै चार लोग थे । जिस मै अली , यशृज ,गोविंद और मै धीरज भी हू।
एक दिन हम लोगो को विचार आया की हम लोग कही घुम्ने जते है ।पर कहा जाये ये नही समझ रहा था । कुछ दिन बाद धीरज के एक रिश्तेदार का फ़ोन आया उनोने बोल हमरे यहा एक कार्यक्रम है तुम और तुमरे दोस्तों को भी लाओ, हम्ने बोला थिल है ।
अगले दिन हम सब तैयार होकर हमेरे अडे पे आये । हम सब मेरे कार से जने वाले थे । अब हम सब पूरी तैयारी कर्के आउए और खने पिने की सारा समांन लेकर बैठे । मैने कार...
एक समय की बात है दो दोस्त थे , वे बचपन के मित्र थे उनकी दोस्ती बहत पक्की थी । उनका नाम गोविंद और धीरज था । वे दोनो रामपुर नमक एक जगह पर रेह्ते थे । उन दोनो को घुम्ना बहुत पसंद था । वे दोनो उनके कुछ और मित्रों के साथ कही ना कही घुम्ने जते ही थे । उनके ग्रुप मै चार लोग थे । जिस मै अली , यशृज ,गोविंद और मै धीरज भी हू।
एक दिन हम लोगो को विचार आया की हम लोग कही घुम्ने जते है ।पर कहा जाये ये नही समझ रहा था । कुछ दिन बाद धीरज के एक रिश्तेदार का फ़ोन आया उनोने बोल हमरे यहा एक कार्यक्रम है तुम और तुमरे दोस्तों को भी लाओ, हम्ने बोला थिल है ।
अगले दिन हम सब तैयार होकर हमेरे अडे पे आये । हम सब मेरे कार से जने वाले थे । अब हम सब पूरी तैयारी कर्के आउए और खने पिने की सारा समांन लेकर बैठे । मैने कार...