...

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इश्क़ एक गुनाह है।
Part 6.
साहिल तैयार होकर जैसे ही कमरे से बाहर निकला तो रेहान के अम्मी अब्बू कशिश को देखने के लिए आ गए शाइस्ता आइये आइये कैसे हैं आप लोग साहिल अस्सलाम आलेकुम आमिर अंकल आंटी शाइस्ता साहिल से जा तो ज़रा देख कशिश कहां है उससे कहना कि तैयार हो जाए। साहिल के चेहरे की चमक तो जैसे ख़त्म ही हो गई उसने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और कशिश के कमरे की तरफ़ चल दिया नोक किया कशिश दरवाज़ा खोलो अम्मी तुम्हें बुला रही हैं कशिश ने नज़रें झुका कर दरवाज़ा खोला और बोली जी कहिए कशिश पिंक अनारकली सूट उस पर बड़े बड़े झुमके खुले बालों में बेहद खूबसूरत लग रही थी साहिल कशिश को देखता ही रह गया कशिश कमरे में अंदर चली गई और बाल संवारने लगी साहिल कशिश मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं कशिश नहीं साहिल अब कुछ मत कहो इतने दिनों से जो तुम मेरे साथ मोहब्बत का खेल रहे थे आज वो ख़त्म हो चुका है साहिल कशिश का हाथ पकड़ कर कशिश तुम कुछ नहीं जानती मेरी पूरी बात तो सुनो इतनी देर में सकीना अप्पी अम्मी ने आपको नीचे बुलाया है और साहिल भाई आपको भी इतना कह कर सकीना चली गई और कशिश जाने लगी साहिल ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा तो वह साहिल की बाहों में आ गई कशिश मुझे छोड़ो तुम्हारे इस मोहब्बत के खेल ने मुझे पत्थर का बना दिया आज मोहब्बत के नाम से भी नफरत हो गई है मुझे इश्क़ एक गुनाह है जिसमें इंसान टूट कर बिखर जाता है लो आज मैं तुमसे हार गई यही चाहते थे न तुम कशिश मेरी बात तो सुनो। कशिश ने साहिल से अपना हाथ छुड़ाया और अब बहुत देर हो चुकी है कहती हुई नीचे चली गई। साहिल ज़मीं पर घुटनों के बल बैठकर कशिश आज तुम फिर जीत गईं और मैं अपनी ज़िंदगी हार गया तुम पर खुद से बात करते हुए। 
शाइस्ता नरगिस से तुम कशिश को ले आओ। नरगिस जी भाभी कशिश मरियम और सकीना के साथ लॉन में आती है सबको सलाम करती है शाइस्ता ये मेरी बेटी कशिश आमिर और ज़ीनत रेहान की अम्मी माशा अल्लाह बहुत खूबसूरत है आपकी बेटी फिर सब बातें करने लगते हैं साहिल के अब्बू भी आ जाते हैं। साहिल के अब्बू रेहान कब आ रहा है आमिर भाई बस परसों की फ्लाइट है शाइस्ता ये तो बड़ी खुशी की बात है। लेकिन बाजी अभी हम निकाह नहीं कर पायेंगे ज़ीनत ने बड़े खुलूस से अपनी बात कही साहिल के अब्बू कोई बात नहीं भाभी हमारी कशिश भी कुछ वक़्त और रह लेगी। ये बात सुन कर साहिल चैन की सांस लेता है लेकिन वह कहां जानता था कि कुछ देर बाद क्या होने वाला है कह कर चाय रख कर चली गई और किचन में बड़बड़ाने लगी पता नहीं क्या हो गया है भाई को आज तक वह कभी गुस्सा नहीं हुए मुझ पर कशिश अपने काम से फारिग होकर कमरे में जाने लगी उसके कमरे की लाइट बंद थी उसने कमरे में अंदर आकर दरवाज़ा बंद किया और लाइट खोलते ही उसकी चीख निकल गई साहिल ने उसका मुंह हाथ से बंद किया और कहा मैं हूं साहिल सकीना अप्पी दरवाज़ा खोलो क्या हो गया? दरवाज़ा खटखटाते हुए साहिल अब ये न कह देना मैं हूं। कशिश सकीना से कुछ नहीं छिपकली थी तुम जाओ वो चली गई है सकीना हंसते हुए अप्पी आप भी कब छिपकली से डरना छोड़ोगी। अब आपकी शादी होने वाली है कहती हुई वहां से चली जाती है कशिश साहिल से अब तुम जाओ सकीना चली गई है साहिल मुझे तुमसे बात करनी है कशिश अब बात करने को बचा ही क्या है साहिल एक बार मेरी बात सुन लो कशिश अब बहुत देर हो चुकी है साहिल जाओ यहां से और साहिल को कमरे से बाहर निकाल कर कमरा बंद कर लेती है साहिल दरवाज़े पर खड़ा रह जाता है। साहिल समझ नहीं पाता है ये सब कैसे हुआ और परेशान हो जाता है कशिश का रव्या देख कर लेकिन फिर सोचता कि मैंने उसका सच में दिल दुखाया है मैं इसी काबिल हूं। उधर कशिश शाज़िया को फोन करती है और सब कुछ बताती है कि कैसे साहिल ने उसके साथ मोहब्बत का खेल खेला और अब कैसे भोला बन रहा है कि जैसे उसने कुछ किया ही न हो। दो दिन बाद रेहान भी अमेरिका से वापस आ जाता है और अपनी अम्मी से कशिश से मिलने की ख्वाहिश ज़ाहिर करता है तो उसकी अम्मी कहती हैं हां हां क्यों नहीं आखिर तुम्हें और कशिश को साथ ज़िंदगी गुज़ारनी है मैं शाइस्ता से बात करती हूं। रेहान की अम्मी शाइस्ता को फोन लगाती हैं अस्सलामालेकुम भाभी कैसी हैं घर पर सब कैसे हैं। शाइस्ता वालेकुम अस्सलाम भाभी अल्लाह का करम है हम सब बेहतर हैं आप लोग कैसे हैं हमने सुना है रेहान आ गए हैं। रेहान की अम्मी जी अल्हमदोलिल्लाह हम भी अच्छे हैं जी रेहान आ गए और कशिश से मिलना चाहते हैं शाइस्ता भाभी ये बच्चे आपस में एक दूसरे से मिल लें साथ तो इन लोगों को रहना है। शाइस्ता बिल्कुल भाभी हम भी चाहते हैं बच्चे एक दूसरे को जाने मैं साहिल के पापा और कशिश से पूछ कर आपको बताती हूं जी अल्लाह हाफ़िज़ रेहान की अम्मी अल्लाह हाफ़िज़। कशिश कशिश शाइस्ता सकीना अम्मी अप्पी किचन में बिरयानी बना रही हैं मैं बुला दूं शाइस्ता नहीं मैं ही चली जाती हूं सकीना अम्मी आप बहुत खुश लग रही हैं क्या बात है शाइस्ता रेहान आ गया है वह कशिश से मिलना चाहता है‌ सकीना वाउ अम्मी ये तो बहुत अच्छी बात है अब हमारे घर में दो दो शादियां होंगी अम्मी मैं तो बहुत सी खरीदारी करुंगी हां हां ठीक है कर लेना शाइस्ता किचन में आती है तो देखती हैं कशिश मरियम को बिरयानी बनाना सिखा रही होती है कि इस तरह से बनाओगी तो सब को पसंद आएगी। शाइस्ता माशा अल्लाह कशिश अल्लाह तुम्हें जहां की सारी खुशियां दे मेरी बच्ची। खाला आपको कोई काम था तो मुझे बुला लेती आपने क्यों तक्लीफ की अरे कोई नहीं इन बूढ़ी हड्डियों में अभी भी बहुत ताकत है सारे घर का काम तो तुम ही करती हो अब मुझे चलने भी नहीं दोगी क्या अच्छा सुनो बेटा रेहान अमेरिका से आ गया है और वह तुमसे मिलना चाहता है रेहान की अम्मी का फोन आया था। कशिश आप मिल लीजिए आपकी जो मर्जी होगी मुझे मंज़ूर है शाइस्ता कशिश ये तो इस्लाम में है कि बेटी का निकाह उसकी मर्जी से होना चाहिए। कशिश दिल ही दिल में मर्जी तो खाला अब किसी से शादी करने की नहीं है। शाइस्ता अगर तुम्हारी हां हो तो मैं सकीना के अब्बू से शाम को बात करुंगी। कशिश जैसी आपकी मर्जी उधर से साहिल किचन में आ जाता है अम्मी आप यहां क्या कर रही हैं आपको मना किया है न किचन में आने को आपको गैस बनती है चलें यहां से अभी साहिल कशिश से मुझे चाय बना दो।

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