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शैतान जादूगर भाग -2
बिमला को रोहन को ढूढ़ते एक पहर बीत जाता है । बिमला रोते रोते चली आ रही थी ।रास्ते मे उसे उसकी सहेली कलावती मिलती हैं । वह उसको रोता देख बोली ...क्या हुआ क्यों रो रही हो ?

बिमला:-मेरा बेटा रोहन सुबह से दिखाई नही दिया । पता नही कहाँ चला गया वो

बिमला बोल रही थी लेकिन उसकी आँखों से आँसू निकलते जा रहे थे । कलावती उसको चुप करवाते हुए बोली...अरे बहन गया होगा किसी दोस्त के पास

बिमला:-उसके सब दोस्तों के घर जाकर अभी आई हुँ मे लेकिन वह कहीं पर नही मिला ,पता नही किस हाल मे होगा मेरा रोहन

उधर दूसरी तरफ: -
अक्सर रोहन को देर तक सोने की आदत थी । जब वह नींद से जागा तो हर बार की तरह उसने अपनी माँ को आवाज़ लगाई

रोहन:-माँ. .ओ. माँ चाय बना ली क्या ?

लेकिन जब उसे कोई प्रतिक्रिया नजर नही आती तो वह उठकर इधर उधर देखता है । वह अपने आप को एक पिंजरें मे कैद पाता है । वह रोने लग जाता है उसके रोने की आवाज़ सुनकर एक बौना जादूगर उसके पास आता है । वह बौना जादूगर, कोहिनूर जादूगर का चेला था । वह रोहन के पास आकर बोला..

चुप हो जा शैतान बालक ,जितना रोयेगा उतना खोयेगा
लेकिन रोहन चुप नही होता । फिर वह जादूगर एक छोटी सी छडी निकाल लेता है । वह उस छडी से रोहन की तरफ हिलता है जिससे रोहन का मुँह बंद हो जाता है ।
फिर वह जादूगर हँस कर बोला....

बौना जादूगर: -ले अब तीन दिन तक चुपचाप रहेगा तु

रोहन के सिर्फ आँसू ही निकल रहे थे । उसका मुँह बंद था अब वह बोल भी नहीं सकता था । वह बौना जादूगर हँसते हुए वहाँ से चला गया । उसके जाने के बाद अमन रोहन के करीब आ गया ।अमन ने रोहन को रोते देख बोला .....

अमन:-अरे भाई रोने का कोई फायदा नही जितना तुम रोओगे। उतनी तुम्हारी सज़ा बढ़ती जाएगी