papa ke jute part 3
मैं तुरन्त घर की तरफ भागा। पांवो में वो कील अब भी चुभ रही थी। मैं घर पहुँचा, न पापा थे न स्कूटर। ओह्ह्ह नही, मैं समझ गया कहाँ गए।
मैं दौड़ा और इस्तहार पर लिखे पते पर पहुँचा। पापा वहीँ थे। मैंने सब के सामने उनको गले से लगा लिया, और आँसुओं से उनका कन्धा भिगो दिया। नहीं…पापा नहीं.. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल। बस आप नए...
मैं दौड़ा और इस्तहार पर लिखे पते पर पहुँचा। पापा वहीँ थे। मैंने सब के सामने उनको गले से लगा लिया, और आँसुओं से उनका कन्धा भिगो दिया। नहीं…पापा नहीं.. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल। बस आप नए...