खुबसुरत शाम और बिछड़ने का गम
सुरज ढल चुका था
असमा पूरी तरह पिघल चुका था
आसमा सिंदूरी रंग से सराबोर हो चुका था
शाम होने को आई थी
चारों ओर असमा में लगी एक होड़ थी
सब पक्षियों को घर पहुंचने की जल्दी थी
कुछ...
असमा पूरी तरह पिघल चुका था
आसमा सिंदूरी रंग से सराबोर हो चुका था
शाम होने को आई थी
चारों ओर असमा में लगी एक होड़ थी
सब पक्षियों को घर पहुंचने की जल्दी थी
कुछ...