बाबा केदारनाथ धाम यात्रा 9 October 2022🙏🏿✍️🥰
बाबा केदारनाथ धाम यात्रा सुबह 4 बजे शुरू हुई
उससे एक दिन पहले बहुत बारिश हुई और अगले सुबह भी बारिश जारी थी मेरी हिम्मत नहीं हुई बारिश देखकर थोड़ी देर बाद बारिश थोड़ी रुकी
और मेरे पति मेरी 2 साल की बेटी और मैं हम तीनों निकल गये केदारनाथ धाम यात्रा पर बहुत लोगो ने मना किया कि मोसम ख़राब है छोटे बच्चे को लेकर मत जाओ हमने किसी कि नहीं सुनी और चल दिए यात्रा पर बाबा का नाम लिया चल दिए थोड़ी दूर निकले ही थे तेज बारिश शुरू हो गई फिर थोड़ी दूर जाकर रुके एक पेड़ के नीचे फिर हमने रेनकोट लिया रेनकोट पहना फिर बाबा का नाम लिया और शुरू हो गए यात्रा हमारी उसके बाद 1 घंटे बाद ऋषिकेश पहुंचे ऋषिकेश पहुंचे वहां तो मौसम थोड़ा साफ था फिर थोड़ा आगे निकले पहाड़ों पर फिर बारिश शुरू फिर हम लोग चलते चलते गए मौसम भी खराब रास्ते भी खराब पहाड़ गिरे पड़े पत्थर गिरे पड़े इधर-उधर रास्ता बिल्कुल भी जाने लायक नहीं था लेकिन फिर भी हमने हार नहीं मानी और चलते रहे चलते चलते सफर की शुरुआत भी हमने किससे करें टू व्हीलर स्कूटी रास्ते में पहाड़ी अच्छे-अच्छे पहाड़ी अच्छे-अच्छे रास्ते और बहुत ही अच्छे नजारे जो जिंदगी में इंसान ने कभी देखी ना हो वह सब कुछ था वहां समझो एक जन्नत मजा ही आ गया चलते चलते देवप्रयाग जहां अलकनंदा गंगा भागीरथी तीनों का संगम होता है हमने वहां वह नजारा देखा फिर आगे चलते चलते फिर चलते-चलते धारी देवी मंदिर देखा दूर से दर्शन करें दूर हाथ जोड़े फिर यात्रा शुरू कर दी अब हम देवप्रयाग से रुद्रप्रयाग हो चुके थे रास्ते बहुत ही खराब बहुत ही खतरनाक थे कि देखकर आदमी को डर लग जाए कच्चे पहाड़ कभी भी गिर जाए कभी भी खिसक जाए कोई गारंटी नहीं चलते चलते करीब 12:00 बज चुके थे सुबह 4:00 बजे के निकले हुए हमें 12:00 बज चुके थे निकले अभी तो बहुत टाइम है पहुंचते-पहुंचते शाम रास्ते बारिश हो रही थी मौसम खराब था ढूंढने हो रही थी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो गाड़ी बहुत 8 से 8 से 9 की स्पीड में चल रही थी समय तो लगना ही था फिर एक
रेस्टोरेंट में रुके नाश्ता किया पेट पूजा की फिर निकल पड़े देर हो रही थी श्रेय जल्दी-जल्दी गाड़ी दौड़ा रहे थे रास्ते खराब है बहुत टाइम लग रहा था चलते चलते अब रास्ता तो दिखा रहा था कितना किलोमीटर है उतना किलोमीटर है लेकिन वह मैं अपनी गलत ही बताता है इसीलिए आराम से जाओ खाना-पीना अपना बैकअप कितना लेकर जाओ कितनी भी लेट हो थोड़ा टेंशन हो खाने पीने की अब साथ में बच्चा छोटा हम लोग परेशान ठंड भी हालत खराब दूर-दूर तक कोई सुविधा नहीं किसी चीज की किसी भी चीज की सुविधा नहीं खाने से लेकर पहाड़ों...
उससे एक दिन पहले बहुत बारिश हुई और अगले सुबह भी बारिश जारी थी मेरी हिम्मत नहीं हुई बारिश देखकर थोड़ी देर बाद बारिश थोड़ी रुकी
और मेरे पति मेरी 2 साल की बेटी और मैं हम तीनों निकल गये केदारनाथ धाम यात्रा पर बहुत लोगो ने मना किया कि मोसम ख़राब है छोटे बच्चे को लेकर मत जाओ हमने किसी कि नहीं सुनी और चल दिए यात्रा पर बाबा का नाम लिया चल दिए थोड़ी दूर निकले ही थे तेज बारिश शुरू हो गई फिर थोड़ी दूर जाकर रुके एक पेड़ के नीचे फिर हमने रेनकोट लिया रेनकोट पहना फिर बाबा का नाम लिया और शुरू हो गए यात्रा हमारी उसके बाद 1 घंटे बाद ऋषिकेश पहुंचे ऋषिकेश पहुंचे वहां तो मौसम थोड़ा साफ था फिर थोड़ा आगे निकले पहाड़ों पर फिर बारिश शुरू फिर हम लोग चलते चलते गए मौसम भी खराब रास्ते भी खराब पहाड़ गिरे पड़े पत्थर गिरे पड़े इधर-उधर रास्ता बिल्कुल भी जाने लायक नहीं था लेकिन फिर भी हमने हार नहीं मानी और चलते रहे चलते चलते सफर की शुरुआत भी हमने किससे करें टू व्हीलर स्कूटी रास्ते में पहाड़ी अच्छे-अच्छे पहाड़ी अच्छे-अच्छे रास्ते और बहुत ही अच्छे नजारे जो जिंदगी में इंसान ने कभी देखी ना हो वह सब कुछ था वहां समझो एक जन्नत मजा ही आ गया चलते चलते देवप्रयाग जहां अलकनंदा गंगा भागीरथी तीनों का संगम होता है हमने वहां वह नजारा देखा फिर आगे चलते चलते फिर चलते-चलते धारी देवी मंदिर देखा दूर से दर्शन करें दूर हाथ जोड़े फिर यात्रा शुरू कर दी अब हम देवप्रयाग से रुद्रप्रयाग हो चुके थे रास्ते बहुत ही खराब बहुत ही खतरनाक थे कि देखकर आदमी को डर लग जाए कच्चे पहाड़ कभी भी गिर जाए कभी भी खिसक जाए कोई गारंटी नहीं चलते चलते करीब 12:00 बज चुके थे सुबह 4:00 बजे के निकले हुए हमें 12:00 बज चुके थे निकले अभी तो बहुत टाइम है पहुंचते-पहुंचते शाम रास्ते बारिश हो रही थी मौसम खराब था ढूंढने हो रही थी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो गाड़ी बहुत 8 से 8 से 9 की स्पीड में चल रही थी समय तो लगना ही था फिर एक
रेस्टोरेंट में रुके नाश्ता किया पेट पूजा की फिर निकल पड़े देर हो रही थी श्रेय जल्दी-जल्दी गाड़ी दौड़ा रहे थे रास्ते खराब है बहुत टाइम लग रहा था चलते चलते अब रास्ता तो दिखा रहा था कितना किलोमीटर है उतना किलोमीटर है लेकिन वह मैं अपनी गलत ही बताता है इसीलिए आराम से जाओ खाना-पीना अपना बैकअप कितना लेकर जाओ कितनी भी लेट हो थोड़ा टेंशन हो खाने पीने की अब साथ में बच्चा छोटा हम लोग परेशान ठंड भी हालत खराब दूर-दूर तक कोई सुविधा नहीं किसी चीज की किसी भी चीज की सुविधा नहीं खाने से लेकर पहाड़ों...