हर रिश्ते आधार हूँ मैं
नारी हूँ मैं हऱ रिश्ते क़ा आधार हूँ मैं
माँ भी हूँ एक बेटी भी हूँ एक बहन भी
हूँ औऱ एक पत्नी भी हूँ मेंरे बिना हऱ
रिश्ता अधूरा हैं फ़िर क्यों आज़ाद
नहीं हूँ मैं फ़िर क्यों आज भी घरों में
दहेज़ क़े लिए जलाई जाती हूँ...
माँ भी हूँ एक बेटी भी हूँ एक बहन भी
हूँ औऱ एक पत्नी भी हूँ मेंरे बिना हऱ
रिश्ता अधूरा हैं फ़िर क्यों आज़ाद
नहीं हूँ मैं फ़िर क्यों आज भी घरों में
दहेज़ क़े लिए जलाई जाती हूँ...