हौंसला रख
मेरी प्रेरणा के चांद, सूरज और तारे सभी बुझ गए हैं।
हो गई है अंधी दिशाएं
जो रौशन थे दिए
उन्हें भी हवाएं बुझा कर ले गई अपने साथ।
जाने क्यों साल दो साल में एक बार
मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है।।
पता नहीं क्यों...
हो गई है अंधी दिशाएं
जो रौशन थे दिए
उन्हें भी हवाएं बुझा कर ले गई अपने साथ।
जाने क्यों साल दो साल में एक बार
मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है।।
पता नहीं क्यों...