शर्त बड़ी हवेली के बगीचे से आम लाना
शेष भाग क्रमशः चार --
ठाकुर रंजीत सिंह की बेटी चंदन सिंह के घर
पर आकर रो रही थी। चंदन सिंह के पिता ने
देखा । चंदन की माँ से पूछा यह कौन लड़की है और यहाँ क्यों आकर रो रही है । चंदन की माँ ने बताया यह कुमकुम बड़ी हवेली के ठाकुर रंजीत सिंह जी की बेटी है। चंदन के पिता सूरज सिंह को चंदन की माँ पहले ही सारी करतूत चंदन की बता चुकी थी चंदन भी चुपचाप खड़ा था । चंदन के पिता ने उससे पूछा बेटी क्या बात है तुम क्यों रो रही हो हमें बताओ कोई समस्या है हम उसका निदान करेंगे। कुमकुम उन्हें देख लिपट गयी और रोते हुए बोली पिताजी मै चंदन से प्यार करती हूँ, चंदन कश्मीर जाने को कह रहा, मैं इसे बिना देखे मर जाऊँगी, आप इसे समझायें हम इससे शादी करके इसके साथ जीवन गुजारना चाहती हूँ ।
उन्होंने उसे कुर्सी पर बैठाया पानी मगा कर पिलाया और कहा तुम चुप हो जाओ हम कुछ
करते हैं । चंदन से पूछा चंदन क्या तुम भी इसके साथ शादी करना चाहते हो वह कुछ नहीं बोला वह समझ गए जब व्यक्ति किसी प्रश्न का उत्तर न दे और मौन रहे तो उसमें उसकी स्वीकृति होती है । उनका दिमाग बहुत तेज़ चल रहा था, वह बोले बेटी जैसा तुम चाहती हो हम भी वैसा ही चाहते, लेकिन तेरे पिता इस रिश्ते के लिए राजी नहीं होंगे । अत: धैर्य रखो तुम अपने घर जाओ यह कश्मीर जाकर अपनी तैयारी कर नौकरी पा लेगा ।उसके बाद तेरे साथ ही शादी होगी । हम खुद तेरे पिता से बात करेंगे । कुमकुम इतनी बात सुन प्रसन्न थी और चंदन के पिता की बात मान वह घर चली गई ।
ठाकुर सूरज सिंह मिलेट्री के रिटायर मेजर थे उनकी प्रतिष्ठा पूरे शहर में थी लोग बहुत इज्जत करते थे। चंदन खड़ा हुआ सोच रहा था आनंद से शर्त लगा कर मैंने अपने जीवन में बहुत बड़ी भूल की है । यह शर्त मेरे गले की हड्डी बन गयी न उगली जा रही न निगली जा रही । मेरा पूरा परिवार इस शर्त के कारण बड़ी परेशानी में फंस गया है । चंदन के पिता ने कहा चंदन तुम कल कश्मीर जाने की तैयारी कर । अब जो भी होगा भविष्य में देखा जायेगा। चंदन दूसरे दिन कश्मीर चला गया दो माह गुजर गए चंदन का सलेक्शन कर्नल पद पर हो गया वह ट्रेनिंग को चला गया । एक...
ठाकुर रंजीत सिंह की बेटी चंदन सिंह के घर
पर आकर रो रही थी। चंदन सिंह के पिता ने
देखा । चंदन की माँ से पूछा यह कौन लड़की है और यहाँ क्यों आकर रो रही है । चंदन की माँ ने बताया यह कुमकुम बड़ी हवेली के ठाकुर रंजीत सिंह जी की बेटी है। चंदन के पिता सूरज सिंह को चंदन की माँ पहले ही सारी करतूत चंदन की बता चुकी थी चंदन भी चुपचाप खड़ा था । चंदन के पिता ने उससे पूछा बेटी क्या बात है तुम क्यों रो रही हो हमें बताओ कोई समस्या है हम उसका निदान करेंगे। कुमकुम उन्हें देख लिपट गयी और रोते हुए बोली पिताजी मै चंदन से प्यार करती हूँ, चंदन कश्मीर जाने को कह रहा, मैं इसे बिना देखे मर जाऊँगी, आप इसे समझायें हम इससे शादी करके इसके साथ जीवन गुजारना चाहती हूँ ।
उन्होंने उसे कुर्सी पर बैठाया पानी मगा कर पिलाया और कहा तुम चुप हो जाओ हम कुछ
करते हैं । चंदन से पूछा चंदन क्या तुम भी इसके साथ शादी करना चाहते हो वह कुछ नहीं बोला वह समझ गए जब व्यक्ति किसी प्रश्न का उत्तर न दे और मौन रहे तो उसमें उसकी स्वीकृति होती है । उनका दिमाग बहुत तेज़ चल रहा था, वह बोले बेटी जैसा तुम चाहती हो हम भी वैसा ही चाहते, लेकिन तेरे पिता इस रिश्ते के लिए राजी नहीं होंगे । अत: धैर्य रखो तुम अपने घर जाओ यह कश्मीर जाकर अपनी तैयारी कर नौकरी पा लेगा ।उसके बाद तेरे साथ ही शादी होगी । हम खुद तेरे पिता से बात करेंगे । कुमकुम इतनी बात सुन प्रसन्न थी और चंदन के पिता की बात मान वह घर चली गई ।
ठाकुर सूरज सिंह मिलेट्री के रिटायर मेजर थे उनकी प्रतिष्ठा पूरे शहर में थी लोग बहुत इज्जत करते थे। चंदन खड़ा हुआ सोच रहा था आनंद से शर्त लगा कर मैंने अपने जीवन में बहुत बड़ी भूल की है । यह शर्त मेरे गले की हड्डी बन गयी न उगली जा रही न निगली जा रही । मेरा पूरा परिवार इस शर्त के कारण बड़ी परेशानी में फंस गया है । चंदन के पिता ने कहा चंदन तुम कल कश्मीर जाने की तैयारी कर । अब जो भी होगा भविष्य में देखा जायेगा। चंदन दूसरे दिन कश्मीर चला गया दो माह गुजर गए चंदन का सलेक्शन कर्नल पद पर हो गया वह ट्रेनिंग को चला गया । एक...