गांव
#WritcoStoryChallenge
वैसे गांव निर्धन है, परंतु निर्मल है,
जैसे कीचड़ो में खिलता कमल है।
यहां की मिट्टी भी सुगंधित है,
क्योंकि यहां की मिट्टी किसानों के पसीने से सिंचित है।
गांव की रीति कमाल है,
भारतीय संस्कृति की जीवंत मिसाल है।
आज भी यहां के बच्चों में कृष्ण की झलक आती है,
हर एक क्षण हमें,यहां की गौरवपूर्ण इतिहास की याद दिलाती है।
ग्रामीण परिवेश भी कितना गौरवपूर्ण है,
अनुशासन, संस्कार आदि सभी गुण परिपूर्ण है।
आज भी यहां हर एक नारी सीता है,
जो अपने अरमान नहीं, आदर्श के लिए जीती है।
यहां के लोगों की जान से बढ़कर जुबान है,
यहां जाति नहीं, सब इंसान है, एक समान है।
पीपल की छांव, जहां कौवे करते कांव-कांव,
प्रकृति का अनूठा सौंदर्य का जीवंत तस्वीर है गांव।
हरियाली छाई है, खेतों वन उपवन में,
प्रेम आस्था और शांति मिश्रित है,यहां के कण-कण में।
गांव में धन नहीं,धर्म है,
यहां के बात मजाक नहीं,मर्म हैं।
वैसे गांव निर्धन है, परंतु निर्मल है,
जैसे कीचड़ो में खिलता कमल है।
यहां की मिट्टी भी सुगंधित है,
क्योंकि यहां की मिट्टी किसानों के पसीने से सिंचित है।
गांव की रीति कमाल है,
भारतीय संस्कृति की जीवंत मिसाल है।
आज भी यहां के बच्चों में कृष्ण की झलक आती है,
हर एक क्षण हमें,यहां की गौरवपूर्ण इतिहास की याद दिलाती है।
ग्रामीण परिवेश भी कितना गौरवपूर्ण है,
अनुशासन, संस्कार आदि सभी गुण परिपूर्ण है।
आज भी यहां हर एक नारी सीता है,
जो अपने अरमान नहीं, आदर्श के लिए जीती है।
यहां के लोगों की जान से बढ़कर जुबान है,
यहां जाति नहीं, सब इंसान है, एक समान है।
पीपल की छांव, जहां कौवे करते कांव-कांव,
प्रकृति का अनूठा सौंदर्य का जीवंत तस्वीर है गांव।
हरियाली छाई है, खेतों वन उपवन में,
प्रेम आस्था और शांति मिश्रित है,यहां के कण-कण में।
गांव में धन नहीं,धर्म है,
यहां के बात मजाक नहीं,मर्म हैं।
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