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साइनस का निदान योग के द्वारा
*साइनस की समस्या से योग दिलाएं निज़ात:-*
*```*भूमिका-*``* `
आज हम देख रहे है,जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है, वैसे ही बीमारियां भी समय के अनुसार होती जा रही है। प्रदूषण भरा वातावरण आदि अन्य समस्याएं है,जिनका सामना मानव जाति कर रही है,ओर कंही न कंही देखे तो जैसे चीजे हमारे लिए सुलभ व सरल हो गयी है, वंही हमारे लिए नुकसान देय भी हुई है, आज हम बात करते है,साइनस साइट्स है,क्या?ओर यह किस प्रकार हमारे लिए नुकसानदेह है, ओर गंभीर रूप से देखें तो,इस समस्या से 10 में से 3 लोग इससे ग्रसित रहते है।
इसकी पहचान(लक्षण)इस प्रकार है-
सिर में दर्द होना और भारीपन लगना,बुखार और बेचैनी होना।
आंखों के ठीक ऊपर मत्थे में दर्द होना। दांतों में दर्द की समस्या,
सूंघने में दिक्कत आना,जीभ से स्वाद का पता न चलना।
नाक से पीला पदार्थ(लिक्विड के रूप) गिरना।
जुकाम के कारण आवाज में बदलाव।
*साइनस साईट्स क्या है-*
नाक के आसपास चेहरे की हड्डियों के भीतर नम हवा के रिक्त स्थान हैं, जिन्हें 'वायुविवर' या साइनस (sinus) कहते हैं।
साइनस के संक्रमण के कारण साइनस की जो झिल्ली होती है, उसमे सूजन आ जाती है, व सूजन के कारण बलगम या मवाद भर जाता है, व जिस कारण साइनस (छिद्र) बंद हो जाते है,जिससे माथे पर,गालो पर,ऊपरी जबड़ो पर दर्द होने लग जाता है।जिस कारण नाक अवरूद्ध होती है,व आधिक मात्रा में कफ जम जाता है,व सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
*निदान* -
योग के निरंतर अभ्यास से व मुख्य आसन,प्राणायाम के द्वारा इस समस्या से जल्द ही मुक्ति पायी जा सकती है।
*गोमुखाशन-*
गौमुखासन के करने से तनाव और बेचैनी को कम करने में सहायक होता है, इस आसन के अभ्यास से सीने की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है और सांस लेने के रास्ते में लचीलापन बढ़ता है।इससे मन शांत व एकाग्र होता है। अभ्यास 1 से 2 मिनिट तक ।
*भुजंगासन-*
भुजंगासन के अभ्यास से फेफड़ों को अच्छा खिंचाव मिलता है। तनाव, टेंशन या स्ट्रेस से राहत दिलाने में ये जबरदस्त काम करता है। साइनोसाइटिस की समस्या से निपटने में ये आसन बेहतरीन काम करता है। भुजंगासन करने से फेफड़े में जमा कफ हट जाता है और सांस लेना आसान हो जाता है।
*सेतु बंधासन*
सेतु बंधासन हमारी पीठ के पूरे पिछले हिस्से से तनाव से राहत देने में मदद करता है। सेतु बंधासन से गर्दन और सीने में खिंचाव उत्पन्न होता है। डिप्रेशन और बेचैनी के कारण भी कई बार साइनस की समस्या हो सकती है। इस आसन के अभ्यास से डिप्रेशन और बेचैनी कम करने में मदद मिलती है। ​
*उष्ट्रासन*
इसके अभ्यास से हमारी सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार आता है। तथा गले और सीने में खिंचाव पैदा होता है। इस आसन के अभ्यास से हमारे सामने के पूरे हिस्से में खिंचाव उत्पन्न होता है।
*प्राणायाम*
*अनुलोम-विलोम*
प्राणायाम सांस लेने की सबसे अच्छी प्रक्रिया है, जिससे नाक साफ हो जाती है। इससे साइनस की समस्या से राहत मिलती है। तथा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी यह योगासन सहायक है।
*कपालभाति*
साइनस को ठीक करने बल्कि हमारे दिमाग के लिए भी बेहद उपयोगी है। इसे करने से हमारी श्वसन प्रक्रिया में आने वाली हर बाधा दूर होती है। व शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
*निस्कर्ष*
योग के द्वारा ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है,नित्य इसके अभ्यास आसन,प्राणायाम के द्वारा शरीर की शशक्त बनाया जा सकता है, व शरीरिक व मनःसिक बीमारियों से निजात पाया जा सकता है।
शास्त्री जी।