...

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रूही और नाहर कि अधूरी दास्तान
अक्सर कुछ ऐसा हो जाता हैं जो होना जरूरी नहीं होना चाहिए जीवन में।।

पर अगर हो जाए
मिल भी ना पाए
रह भी ना पाए
माने भी ना घर
सब होने पर
बेसहारा हो जाते है
प्रीर जान ना सके
कैसे बया किया जाता हैं
जान समझ ना पाया हो
अधूरी अधूरी दास्तान में
कई सपने देखे जो सोचा देखा
हसी मज़ाक संग प्रीत लगा
धूमिल हो रहा हैं कहीं ना
थमाना चाहूं
रूकना चाहु
सिने से लगना चाहु
रोना चाहु
साथ चाहु
देखना चाहु
कई हज़ार बाते
खुवाइश हैं
देखना चाहु
पुरा करना...