...

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इंसानियत ना रहा
समये के साथ इतना कुछ बदल जायेगा कि ,
हम मानवता को भूल जाएंगे कभी नहीं देखा था ना सोचा था।
भगवान भी सोचते होंगे कि इंसान सब कुछ होने के कारण इंसान - इंसान नहीं है।।।।।।

कभी आपनी आवाज को कोयल की बोली बोलना ,
कभी घर की रौनक को तोता की तरह दोहराना , कभी इंसानों से वफादार कुत्तों में देखना ,
जो साथी कि तरह साथ रहे उससे हाथी उदाहरण देना।
जानवर ने हमें इंसान बनाया है , हर मुश्किल से बजाय हैं।
जो दोस्तों की खोज में खोज में धोका खाया है उन्हें जानवरों ने आपना दोस्त बनाया है।
जो मंजलो से गिर कर उठना ना सीखा , चितियों का दल उठना सिखाए है।
कभी नीरास हुए है , तो हस्ना बंदरो ने सिखाया है।
पर आज उनकी ही खुशियों को हम खोट- खोट कर मार रहे है।
आज दुनियां हर मुश्किल को आसान बना दी है । हर कोई चाहता है कि हम अपने सपनो को पूरा करे।
आज पूरी दुनिया हर चीज में उपर है पर , मानवता में बहुत पीछे है।
केरल से जो दिल को दिल देहलवालने वाली खराब आए ।
उससे देख कर सोचती हु की, ऎताना ज्ञान पार कुछ नही मिला इंसान कि सोच नाले की कीट से भी खराब है।
वो लोग अच्छे है , जिन्हें हम कला अच्छर भेंस बराबर समझते है वो जानवर की बाते और तकीफ को दिल से सुनते है।
जानवर को भोजन कराना हिन्दू समाज में पुन समझा जाता है उनको ही हम जहर, बम देखर कूद को ज्ञान का भंडार समझ रहे है।
बेजुबान थी , गर्भवती थी , भुखि थी , और इंसानों की इंसानियत कों पहचाने में भूल कर दी क्यंकि वो मां थी।