...

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इमोटिकॉन्स की जीवन गाथा
प्रेम पत्र में पहले दिलफेंक युवक/ युवतियां नीचे एक स्माइल का आर्ट बना दिया करते थे, वही से मेरा जन्म हुआ। कभी नोट बुक के पिछले पन्ने में सिमटा रहा तो कभी ग्रीटिंग कार्ड्स में शर्माने का भी अवसर मिला....समय बदला, डिजिटल क्रांति आयी और 2g के मोबाइल आने लगे..अब विभिन्न संकेतो के माध्यम से मुझे दर्शाया जाने लगा! स्माइल के लिए : ) सैड के लिए :( आंख मारने के लिए ; ) और चुम्बन के लिए : *
आधुनिकीकरण के दौर में मुझे और भी डिजिटल बनाया गया...अब पीला और टकला चेहरा मेरी पहचान बन गया..
बदलते समय चक्र के साथ...