...

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समर्पित दिवस
आज वेलेंटाइन डे पे लिखना है किसी खास के लिए दो दिन लेट हूं पर उनको पता है क्यू
जब लिखना हुआ तो सोचा ये वेलेंटाइन डे होता क्या है क्यू होता है
14 feb को ही क्यू
कुछ नही पता था फिर सोचा सब मानते है मैं भी माना लू wish ही तो करना है

फिर दिल से आवाज आई पहली बार किसी के लिए लिख रहे हो और ये भी नही पता क्यू
क्या सब और उसमे कुछ कोई अंतर नही
thank you आप की वजह से इसकी भी वजह जाने का मौका मिला
शायद बहुत लोगो को मालूम हो पर मुझे नही था

फिर जाना एक संत जिनका नाम वेलेंटाइन था और रोम के राजा की कहानी
प्रेम और एक क्रूर शासन की, कैसे उसका अंत हुआ और फिर वो अमर हो गया
प्रतीक बना और आज दुनिया एक तैव्हार की तरह मानती है कुछ जानते है और कुछ बिन जाने
वैसे अपने प्यार को हर किसी को जाहिर या सेलिब्रेट करना चाहिए

मुझे आज एक और बात याद आई जब मैं छोटा था तो मेरी दादी कहती थी की तुम्हारे
लिए एक शहजादी बनाई है भगवान ने और वो
तुम्हारी हर मुराद पूरी करेगी

पर मैं ये बात भूल गया क्युकी दुनिया ऐसी लगी नही घर के बाहर दुनिया अलग होती है
आज ये बात याद आई क्युकी जब भी उसके बारे में लिखता दादी की बात याद आ जाती है

कहानियां पढ़ने लगा हूं अब खुद को
कुछ कुछ समझने लगा हूं
दिल की मासूमियत फिर जागी है
लगाव भी इस दिल में लाड़ भी
सब भरा हुआ है बस कोने में बंद कमरे सा
आज मुझे सारी पारियों की कहानियां सच्ची
लगती है अब सिर्फ तुम अच्छी लगती हो❤️

एक किताब तो अब लिख सकता हूं
अपनी प्रेम कहानी की इतना कुछ
तुमने मुझे दिया है ऐसा संग जोड़ा है
हर रोम रोम से नाता जोड़ा है

सच कहूं लगता है जैसे तुम मेरे लिए बने हो
इसलिए मेरा प्यार ऐसे ही बना रहेगा
और हर मौके पे यू ही मैं इजहार करता रहूगा

शायद बहुत कुछ रह गया हो और लिखने को
पर आप हो ही ऐसे की जितना लिखे कुछ न कुछ रह जाता है

मेरी लाइफ को सही दिशा देने के लिए
इस कदर अपना बनाने के लिए पारियों की
कहानी सच करने के लिए प्रेम को जिंदा रखने के लिए जितना भी कह दूं कम है
बस एक शब्द में कहूं तो

अधूरे को पूरा किया