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पासवर्ड
जिंदगी  का हिसाब किताब कुछ इस प्रकार हैं कि किसी को सबकुछ आसानी से हासिल हो जाता हैं ।तो किसी को अपने सपने को पूरा करने के लिये दिन रात मेहनत करनी पड़ती हैं। किसी पर किस्मत जल्दी मेहरबान होती हैं ।तो कोई गलत तरीके से आगे जाना चाहता हैं।औऱ इन सब बातों में एक बात समान हैं । बो हैं पैसे,,,,,,,,,,,,,,         हेलो,मैं आपके बैंक से बोल रहा हूँ। औऱ जैसा कि मैं अपने कंप्यूटर पर देख पा रहा हूँ। आपका नाम बृजमोहन अरोरा हैं                           फ़ोन के दूसरे तरफ़ से आवाज आईं । जी  हँ बात कर रहा हूँ । तब रोहन ने बोल  जैसा कि मैं अपने कंप्यूटर पर देख पा रहा हु की आपके डेबिट कार्ड की तारीख़ खत्म होने बाली हैं आप मुझे अपबे डेबिट कार्ड के ऊपर छपे बारह अंको का नबर बात दीजिए जिससे मैं नया डेबिट कार्ड जारी कर सके। बह सीधा साधा आदमी अपने कार्ड का नम्बर बता देता हैं और यह रोहन अपने कम्प्यूटर से उस आदमी का खाता हैक करके उसके सारे पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करके बो सिम कार्ड तोड़ देता और एक या दो बार ऐसी ही धोका धड़ी करने के बाद फ़ोन बगैरह सब तोड़ देता हैं ।यही रोहन का काम था बो एक हैकर था ।लोगो को धोखा देकर उन्हें लूटने का काम करता था।             रोहन जिस बिल्डिंग में रहता था बहाँ के लोगो को बताया था कि बो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।                      रोहन एक साधारण परिवार से था ।पिताजी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे ।माँ हाउसवाइफ थी ।                                                                                रोहन ने बरहबी करने के बाद उसने अपने सबसे पसंदीदा विषये कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की। रोहन को सबकी मदद करना  अच्छा लगता था।  उसका मानना था कि जब आप दूसरो के लिए अच्छा करते हैं तो आप के साथ भी अच्छा होता हैं। इसी अच्छी सोच के कारण बह अपने सभी दोस्तों के बीच काफी प्रिय था। इसी तरह कॉलेज खत्म हो गया । अभी तक सिर्फ कॉलेज के परीक्षा दे रहे हो  रोहन को अब जिंदगी की असली परिक्षा देनी थी । कॉलेज खत्म होने के बाद बह नॉकरी की तलाश में बह दर दर भटकने लगा । लेकिन उसे कोई नॉकरी नही मिली ।                                                                 कहते है ना जब बुरा बक्त आता हैं तो परछाई औऱ अपने साथ छोड़ देते हैं ।क्योंकि जिंदगी की कुछ समस्याएं हमे खुद समाधान करना होता हैं । औऱ यही रोहन की जिंदगी में हो रहा अचानक से उसके पिताजी की तबीयत खराब हो गई । उनके इलाज के लिए घर मे जितने रुपए थे धीरे धीरे सब खत्म हो रहे हैं ।रोहन के पिता को हार्ट की विमारी थी जिसके आपरेशन के लिए लाखों रुपए की आवश्यकता थी । कई कंपनियों में कोशिस करने के बाद भी नोकरी नही मिली । सभी रिस्तेदारों से मदद मांग कर भी देखा ।मगर किसी ने कोई मदद नही की।औऱ इस वीमारी से लड़ते लडते उसके पिताजी की मृतयु हो चुकी थी । इसी सदमे में  उसकी माँ की मृतयु हो गई ।रोहन  के आंखों के आंसू पोंछने बाला कोई नही था ।उसकी सोच अब बदल गई थी।कि ऐसा जरूरी नही है कि हम अच्छे  हैं तो  दूसरा भी अच्छा हो ............ ...ऐसा कहा जाता हैं ।कि कभी अकेले में बैठ के  पुरानी बातों को सोचने से सिर्फ दुःखो के अलाबा कुछ नही मिलता हैं। ऐसे ही एक शाम रोहन अपने घर की बाल्कनी में सोफे पर बैठे डूबते हुये सूरज को देख रहा था। बो सोचता हैं हमारी जिंदगी भी इसी सूरज की तरह हैं  ।रोज नई उम्मीदों के साथ जिंदगी की सुरुआत होती हैं और शाम होते होते कुछ पूरे औऱ कुछ अधूरे सपनो के साथ खत्म हो जाती हैं ।  औऱ सोचते सोचते बो फिर अपने कंप्यूटर पर किसी को धोखा देकर उसके पैसे हड़पने की कोसिस करने लगा । हैकिंग में अक्सर ऐसा ही होता हैं घंटो तलास करने के बाद भी कोई शिकार नही मिलता हैं औऱ जब मिलता हैं तो काम बहुत जल्दी करना होता ओटीपी या पासवर्ड मिलने के बाद पैसे ट्रासफर करवा कुछ मिनटो का काम होता हैं औऱ उसके बाद कुछ समय के लिए सब बंद कर देना।ऐसे ही रोहन साइबरक्राइम की दुनिया मे जा चुका था ।और उसे ये काम अच्छा भी लगता था कि शॉर्टकट तरिके से पैसे कमाना कभी ज्यादा लंबा हाथ लगता था तो कभी महीनों तक कोई कोई शिकार नही मिलता था ।क्योंकि जब से इंटरनेट की दुनिया मे तेजी आई हैं तब से लोग सतर्क हो गये । रोहन सिर्फ ऐसी तलाश में रहता कि कब लोगो से ओटीपी या पासवर्ड मिले औऱ उनके पैसो पर अपना अधिकार में कर लिया जाए। सामने बाला जब तक कुछ समझेगा तब तक बो उसके पैसे अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लेगा ।    एक शाम रोहन एक कंप्यूटर शॉप पर गया । कहने को तो बह कंप्यूटर देखने गया था लेकिन उसका मैन काम तो मार्केट में आ रहे अलग अलग कंपनियों के कंप्यूटर हैक्स को समझने गया था । तभी बहाँ उसकी मुलाकात होती हैं निशा से ........................ उस रोज निशा अपने लिए एक लैपटॉप खरीदने आईं थीं।लेकिन अक्सर ऐसा होता हैं जब हम कोई चीज पहली बार ख़रीद रहे होते हैं औऱ हमे कोई जानकारी नही होती हैं  तो हम सोचते हैं कि कोई हमे सलाह दे।ऐसी उम्मीद के साथ निशा शॉप अलग अलग लैपटॉप को देख रही थी लेकिन कुछ तय नही कर पा र रही थी की कौन सा खरीदे ।आखरी निशा रोहन से बोलती हैं ।                                                    '''' एक्सक्यूजमि   क्या आप थोड़ा हेल्प कर सकते हैं मुझे लैपटॉप लेना है और मैं कुछ तय नही कर पा रही हूं। ""                                    रोहन निशा के बजट के अनुसार एक अच्छा लैपटॉप उसको बात देते हैं ।  यहाँ काउंटर पर बिल बनने पर रोहन को उसका नाम पता चलता कि उसका नाम निशा  हैं।।।।।                                                                                                    रोहन ने निशा को बताया कि बो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और वर्क फ्रॉम होम  करता है।    और इस तरह एक शॉप पर हुई मुलाकात अब अक्सर कैफे या रेस्टुरेंट में मुलाकात होने लगी औऱ ये मुलाकाते कब प्यार में बदल गई किसी को पता ही नही चला ।और एक दिन निशा ने रोहन के हाथों को अपने हाथों में लेकर ।उसकी आँखों मे आंखे डालकर निशा ने कहा "" रोहन में तुम्हारे साथ अपनी सारी जिंदगी बिताना चाहती हूँ""                                                      रोहन चूपचाप निशा की बातों को सुन रहा था।लेकिन उसने उसकी बात का कोई जबाब नही दिया।क्या जवाब देता की बो जिससे प्यार करता हैं बो सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के साथ साथ एक हैकर हैं उसका मुख्य काम धोके से लोगो के पैसे हड़पना हैं। क्या बोलता की बो जिसके साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हैं उसका खुद का कोई भविष्य नही है कब उसकी एक छोटी सी गलती उसे सलाखों के पीछे जा सकता है।                                                                                                लेकिन क्या करता उसके मासूम से चेहरे और प्यार के निवेदन को रोहन ठुकरा नही पाया ।और ये सोचकर कि बाद में बह सब कुछ निशा को बता देगा ।तो उसने निशा के प्रस्ताव को हम्म कर दिया ।                                                                                               निशा ने जब अपने परिवार से बात की तो उसके परिवार  ने मना कर दिया निशा अपनी ज़िद पर अड़ी रही और अपने परिवार से लड़कर , सबको छोड़ कर रोहन के पास गई। रोहन अब सोच में पड़ गया कि निशा अपना सब कुछ छोड़ कर मेरे पास आ गई है और मैं उसको धोका दे रहा हु। बस इसी उधेड़बुन में रहते रहते रात हो गई औऱ बो सो गया ।                                       इस तरह रात निकल गई।  औऱ अगले दिन सुबह फिर से रोहन अपने कंप्यूटर किसी को शिकार बनाने निकल पड़ा ।लेकिन घंटो और घंटो से दिनों तक कोसिस करने पर भी कोई उसके जाल में नही फंसा। निशा जब पूंछती की किस कंपनी में काम  करते हो तो बात को दरकिनार कर बात को रोहन टाल देता था।                                        निशा सारे दिन छोटे बच्चो को पढ़ाती थी और ऑनलाइन काम करती थी । जब रोहन ने पूंछ की इतनी मेहनत क्यों करती हो ।तो उसने कहा कि मैं अपने पैसो से एक नया स्कूटर लेना चाहती हूँ ।तो रोहन ने कहा पैसे मुझसे ले लो । तो निशा ने मना कर दिया  क्योंकि एक मेहनति औऱ स्वाभिमानी लड़की थी ।एक दिन जब रोहन कंप्यूटर पर  कुछ काम कर रहा था  तो निशा उसके पास आईं और कहने लगी अरे ! रोहन  देखो मैं अपने ईमेल लॉगिन का पासवर्ड भूल गई हु और मुझे एक जरुरी ईमेल चैक करना हैं  कुछ करो ना ।जब निशा के काफी समय तक कोसिस करने के बाद भी ईमेल लॉगिन नही हुआ तो  रोहन ने फ़ोन अपने हाथो में लियाऔर कुछ एक या दो मिनट के बाद ये लो ही गया तुम्हारा  ईमेल लॉगिन ।                   निशा   """ ये तुम्हने कैसे किया ।औऱ  कुछ समय बाद बह जोर से चिल्लाए मुझे पता चल गया कि तुमने कैसे किया ।""""    रोहन डर गया था  कि इसको कही ये तो पता  नही चल गया । मैन इसका ईमेल हैक करके ऑन कर दिया हैं । लेकिन जब  निशा ने बताया कि जब मैंने  ईमेल एकाउंट बनाया था तो तुमने उसका पासवर्ड देख लिया था  । तो रोहन  ने एक झूठी मुस्कुराहट के साथ हाँ में सिर हिला दिया और राहत की सांस ली।          एक दिन   रोहन घर पर नही था ।औऱ निशा का फ़ोन खराब हो  गया था ।तो निशा को एक ईमेल सेंड करना था । तो निशा ने रोहन का  लैपटॉप  यूज़ कर लिया ।जब निशा ने लैपटॉप ओपन किया तो उसके अंदर कुछ अलग तरह की फ़ाइल पड़ी थी बहुत सारे ओटीपी , यूआरएल नम्बर, आईपी अड्रेस ,एचटीटीपी कोड्स ये सब देख कर निशा को यह समझने में देर नही लगी कि रोहन एक हैकर हैं लोगो को धोखा देना उसका काम है । ये सब देख कर निशा अंदर तक टूट चुकी थी। उसने जिसके लिए अपने परिवार को भी छोड़ दिया था ।बो एक क्रिमिनल हैं। जब रोहन बापस आया तो उसने रोहन से पूछा तो रोहन ने जबाब दिया कि"" जब तुमको पता चल ही गया हैं तो मैं क्या बताऊँ """       निशा --मैं तुमसे सुनना चाहती हूँ                  रोहन -- अपने साथ हुई सब घटना को बता देता हैं कि वह किसी भी तरह से पैसै कामना चाहता था बहुत कोसिस करने के बाद भी पैसे नही होने के कारण बह अपने पिता का इलाज नही करबा पाया था और अपने पिता को खो दिया । औऱ उसके बाद माँ को भी खो दिया था।                                                           निशा --- इसका मतलब ये तो नही की तुम भी गलत रास्ते पर चले जाओ ।तुम इसका अंजाम जानते हो आज   नही तो कल पकड़े जाओगे । रोहन उसे बहुत समझाने की कोशिश करता हैं लेकिन निशा रोहन की एक बात नही सुनती हैं।                    निशा ""कहती हैं जिस तुम अपने गलत काम बन्द कर दोगे औऱ ईमानदारी से कही जॉब करने लगोगे मैं उसी दिन तुमसे बात करूगी । अन्यथा तुम कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना । औऱ इतना कहने के बाद निशा रोहन को छोड़ कर चली जाती है।                    रोहन एक बार फिर अकेला हो गया था। निशा को काफी कांटेक्ट करने पर भी निशा फ़ोन नही उठा रही थी।   ................               निशा  के जाने पर रोहन के सामने ज़िन्दगी की दो राहे थी । पहली या तो बो निशा को छोड़ दे या फिर दूसरा  हैकिंग का काम छोड़ कर अपनी जिंदगी की नई सुरुआत निशा के साथ  करे। अंततः उसने  दूसरा रास्ता चुना ।उसने हैकिंग का काम  छोड दिया ।कई कंपनियों में काम के लिए आबेदन देने और महीनों  के इंतजार के बाद एक अच्छी औऱ बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर जॉब मिल गई। रोहन जिंदगी की दूसरे रास्ते को चुन कर खुश तो था ।                                                   लेकिन अभी भी एक कमी थी कि उसमें निशा नही थी। काफी कोशिस करने के बाद एक दिन निशा ने फ़ोन उठाया बात की। रोहन ने अपनी जोइनिंग लेटर की पिक निशा को सेंड किया ।और उससे अपनी गलती की माफी मांगी । निशा ने कुछ देर सोच कर रोहन को माफ कर दिया।            रोहन - क्या अब हम शादी कर सकते हैं ।                  निशा-- हँ ।                                         निशा के इस हाँ से रोहन को ऐसा लगा जैसे प्यासे को पानी मिल गया हो । अब रोहन को निशा के दिल के अन्दर जाने का पासवर्ड मिल चुका था। रोहन बिना बक्त खराब किये सीधे निशा के घर गया ।औऱ बहाँ से बह निशा के खरीदे नए स्कूटर से एक लंबी यात्रा पर निकल गए:::::::::::::::::::::::             
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