हमारे बचपन के बो दिन
बो भी क्या दिन थे जो आज हमारे जहन में याद बनकर रहते हैं
क्या बचपन था क्या खेल खिलोने थे
उस समय इतनी सुख सुविधा नहीं थी लेकिन फिर भी उन चीजों का भी एक अलग आनंद था
गांव में उस समय लाइट नहीं हुआ करती थी
लाइट के अभाव के कारण हम लोग बचपन में कांच की बोतलों में मिट्टी का तेल भरकर रात के वक्त उसी के उजाले में पढ़ा करते थे
फिर कुछ समय बाद लैंप के उजाले में पढ़ने लगे
फिर उसके बाद इमरजेंसी से पढ़ा करते थे
आखिर में लाइट की भी...
क्या बचपन था क्या खेल खिलोने थे
उस समय इतनी सुख सुविधा नहीं थी लेकिन फिर भी उन चीजों का भी एक अलग आनंद था
गांव में उस समय लाइट नहीं हुआ करती थी
लाइट के अभाव के कारण हम लोग बचपन में कांच की बोतलों में मिट्टी का तेल भरकर रात के वक्त उसी के उजाले में पढ़ा करते थे
फिर कुछ समय बाद लैंप के उजाले में पढ़ने लगे
फिर उसके बाद इमरजेंसी से पढ़ा करते थे
आखिर में लाइट की भी...