श्रद्धा
*घूम रहा इंसान आज- कल न जाने कितने मुखड़ों में।*
*बांट दिया है प्यार देख लो कैसे पैंतीस(35)टुकड़ों में।।*
:-:-:-
एक छोटा सा संदेश / विनती....
जब हमारे माता पिता जन्म देकर हमें पढ़ा लिखा सकते हैं सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करा सभी सुविधाएं दे सकते हैं तो वह हमारे लिए जीवनसाथी चुनने में कैसे गलती कर सकते हैं, हम लगभग 20 22 वर्ष के हैं लेकिन उन्होंने हमसे दुगनी अपने जीवन की यात्रा तय की है और हमसे कहीं अधिक देखा, समझा,...
*बांट दिया है प्यार देख लो कैसे पैंतीस(35)टुकड़ों में।।*
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एक छोटा सा संदेश / विनती....
जब हमारे माता पिता जन्म देकर हमें पढ़ा लिखा सकते हैं सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करा सभी सुविधाएं दे सकते हैं तो वह हमारे लिए जीवनसाथी चुनने में कैसे गलती कर सकते हैं, हम लगभग 20 22 वर्ष के हैं लेकिन उन्होंने हमसे दुगनी अपने जीवन की यात्रा तय की है और हमसे कहीं अधिक देखा, समझा,...