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बचपन के वो पल..☺️

कितना प्यारा शब्द होता है ना "गाँव"
इस शब्द में ही तो छिपा है प्रत्येक भाव..!!

सिर्फ यही एक शब्द है जिसे सुनकर
चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है
यूँ कहू की पुरानी यादें ताज़ा हो जाती है..!!

इक चलचित्र के समान हमारी नज़रों के
सामने सारे मंज़र घुमने लगते हैं,
मानो जैसे हम स्वयं ही उन पलों को जीने लगते हैं..!!

वो वही स्थान होता है,जहां हम अपने बचपन की शरारत करते हैं,घर हो नानी का या हो दादी का हम अपने बचपन को वहां बिताया करते हैं..!!

वो नानी की गोद में सोना,सुबह उठकर शरारते करना,फिर खेलने जाना,हजारों गलतियों के बाद भी नानू के गले लग जाना..!!

उनका हमें दुलारना, उनका प्रेम हमारे लिए निस्वार्थ होता है,जैसे सूरज धरती को रोशन करता है ..!!

कैसे कोई भूल सकता है वो गुजरा हुआ कल,कभी मौका जो मिले तो हम भी जीना चाहेंगे बचपन के वो पल..!!




© hema singh __