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मुझे बस अपना बना लेना गिरिधर 🌻
सुना था जिनके पास सुख के बदले अगर दुःख जादा है तो उनके भगवान अवश्य निकट होते है •••

पर कान्हा तुमने मुझे इत्ती बड़े चक्रव्यूह में आखिर क्यों डाला,
काटो का बिस्तर, अपमान, और चारो ओर से बेज्जती का जाला,

ना अपनों का मोह, ना परायों से निराशा
सबसे दूर करदि, तुम्हरी आशा

जितनी मेरे आसू गिरे, भोलेनाथ का सहारा
तो कभी तुम्हारे लीलाएं गुज़रे

खुद को में बदकिस्मत भी कहूँ तो कहु कैसे,
बार बार मेरा दामन जो आसुओं से हटाकर खुद में समेट लेते हो,
कित्ता दुःख हरोंगे मेरे पालनहार,
बस अब तुम्हें तो हो मेरे मददगार,
कभी सामने से आकर भी मेरे आसुओं को समेट लेना कान्हा,

अगले जिंदगी में अपने चरणों का फूल बना लेना,
वो भी ना बन पाऊँ तो कोई बेल का पत्ता या फिर वृंदावन वासियों की धूल बना लेना,
लेकिन मुझे केवल अपना बना लेना,

मत देना कभी सुख मुझे,
बस तुम अपने चरणों में मुझे समाहित कर लेना,
मुझे केवल अपना बना लेना कान्हा,

ना जानूँ कोई ज्ञान , न तप
ना जाने मीरा जैसे भजन सा,
ना कर पाऊँ सबर शबरी सा,
में तो बस भाव जानू मेरे गिरधारी ,
मेरे तो बस गिरिधर गोपाल, दूजा ना कोई••♡♡